देशभर में गंगा दशहरे की धूूम
हरिद्वार में उमड़ी भक्तों की भीड़
हरिद्वार। मां गंगा को न सिर्फ पतित पावनी माना जाता है बल्कि मां गंगा मोक्षदायिनी भी है। शास्त्रों के अनुसार आज ही के दिन राजा भागीरथी की सालों लंबी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने मां गंगा को धरती पर अवतरित किया था और उनके पित्रों का आत्म तर्पण किया था। इसीलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है तथा गंगा दशहरे के दिन पित्रों का तर्पण किया जाता है।
आज देश भर में गंगा दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। काशी से लेकर हरिद्वार तक करोड़ों श्रद्धालुओं की भी शहर—शहर और घाट—घाट लाइने लगी है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा स्नान के लिए आज श्रद्धा का समंदर उमड़ा हुआ है। कोरोना काल में दो साल तक गंगा दशहरे के स्थान पर प्रतिबंध रहा था तथा इसे सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से ही लोग मना रहे थे। लेकिन इस बार गंगा दशहरे के मौके पर श्रद्धालुओं के आने जाने के प्रतिबंधों से मुक्ति मिलने के कारण लोगों में खासा उत्साह देखा गया है। अभी विगत दिनों सोमवती अमावस्या के दिन भी हरिद्वार में इसी तरह का नजारा देखा गया था।
हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा गंगा दशहरे स्नान के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं सुबह चार बजे से ही लोग गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगा रहे हैं तथा दान पुन कर अपने पितरों का आत्म तर्पण कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि हम राजा भगीरथ के आभारी हैं जिनके प्रयास से मां गंगा धरती पर अवतरित हुई और करोड़ों भारतवासियों को संव्राप से मुक्ति का मार्ग दिखाया। मां गंगा के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा और भक्ति भाव ही है कि जो उन्हें गंगा तक खींच लाता है और वह मां मोक्षदायिनी में डुबकी लगाकर स्वयं को सभी पापों से मुक्त महसूस करते हैं।