प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को प्रतिपादित करने या उनकी नकल करने वाले नेताओं की भाजपा में भले ही कोई कमी न हो लेकिन उन्हें भाजपा नेता जमीन पर उतारने में फेल ही दिखाई देते हैं। भ्रष्टाचार इस देश की कितनी बड़ी समस्या है इसे विश्व राष्ट्रों की भ्रष्टाचार रैंकिंग को देखकर समझा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार यह कह चुके हैं कि भ्रष्टाचार देश की एक बड़ी समस्या है। जोकि न उन्होंने या उन प्रांतों की सरकारों ने जहां भाजपा की सरकारें हैं भ्रष्टाचार रोकने के लिए क्या किया है? यह एक बड़ा सवाल है। भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजसेवी अन्ना ने दिल्ली में राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ा था जिसने केंद्र सरकार को हिला कर रख दिया था तथा जन जागरूकता की एक राष्ट्रव्यापी लहर देखी गई थी। लगा था कि अब इस बीमारी के इलाज के लिए कुछ तो होगा लेकिन नेताओं ने इसकी भी हवा निकाल दी। उनकी प्रमुख मांगों में से एक लोकायुक्त गठन की मांग पर आंशिक काम हुआ था। उत्तराखंड की तत्कालीन बीसी खंडूरी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में लोकायुक्त का गठन करने की पहल कर खूब तालियां बटोरी थी क्योंकि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य था जहां लोकायुक्त का गठन किया गया था। यह अलग बात है कि यहां के नेताओं ने भी अपने जेल जाने के डर से इसे कभी अस्तित्व में आने नहीं दिया गया। 2017 में फिर भाजपा ने इसे अपने चुनावी एजेंडे में सर्वाेच्च प्रधानता देते हुए सरकार बनने पर 100 दिन में लोकायुक्त गठन का वायदा किया गया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जब सत्ता संभाली तो कहा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस उनकी प्राथमिकता रहेगी वह अपनी सरकार में प्रथम विधान सभा सत्र में ही लोकायुक्त का प्रस्ताव भी लेकर आए लेकिन चार साल सत्ता में रहकर वह चले भी गए और उनके बाद तीन और मुख्यमंत्री आ गए लेकिन इस पर किसी ने भी गौर करने की जरूरत नहीं समझी है। लोकायुक्त बिल कहां गया अलग बात है लेकिन कोरोना काल में हरिद्वार्र में हुआ टेस्टिंग घोटाला और अब सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाला राज्य में भ्रष्टाचार की बड़ी मिसाले हैं। सूबे के उन भाजपा नेताओं को इन घटनाओं पर गौर जरूर करने की जरूरत है जो लोकायुक्त गठन की नाकामी छुपाने के लिए यह कहते रहे हैं कि जब राज्य में भ्रष्टाचार ही नहीं रहा तो लोकायुक्त की क्या जरूरत है। पीएम मोदी का यशोगान करने वाले और उनकी नकल करने वाले नेताओं को सूबे का भ्रष्टाचार नजर आ रहा है या नहीं और अगर आ रहा है तो इस पर लगाम लगाने के लिए वह कुछ करेंगे भी या नहीं यह जरूर उन्हें सोचने की जरूरत है।