भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों को जारी की नई एडवाइजरी

0
533

सलाहः तुरंत कीव छोड़ दे भारतीय
अब तक 9 उड़ानों के जरिए दो हजार से अधिक की वापसी
कीव सहित तमाम शहरों में अभी भी फंसे हैं 15 हजार लोग
सरकार ने और तेज किया अपना अभियान गंगा

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग आज छठे दिन उस खतरनाक दौर में पहुंच चुकी है जब कभी भी कुछ भी संभव है। यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव पर कब्जे के लिए रूस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कीव की तरफ रूसी फौजों के 40 किलोमीटर लंबे काफिले के कूच के बीच आज भारत सरकार ने यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी करते हुए तत्काल कीव छोड़ने के आदेश दिए हैं।
भारत सरकार द्वारा आज जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय दूतावास सहित सभी भारतीय नागरिक तुरंत कीव छोड़ दें। इन नागरिकों से कहा गया है कि वह ट्रेन, बस, कैब आदि जिससे भी संभव हो सके, तुरंत राजधानी कीव से बाहर निकल आए और बॉर्डर तक आने की कोशिश करें। उधर आज भारत द्वारा यूक्रेन को मानवीय सहायता देने की भी घोषणा की है। जिसमें आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, पेयजल व खाघ पदार्थ आदि शामिल है। भारतीय विमान आज माननीय सहायता लेकर यूक्रेन रवाना हो रहा है।
उधर भारत द्वारा यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों की वतन वापसी के लिए चलाए जा रहे अभियान गंगा को भी तेज कर दिया गया है। एयर इंडिया सहित कई निजी विमानन कंपनियों के विमानों को पोलैंड, रोमानिया और स्लाकोबिया भेजा जा रहा है, जिससे यूक्रेन की सीमा तक पहुंचे भारतीयों को स्वदेश लाया जा सके। अब तब अभियान गंगा के तहत नौ उड़ाने यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारत पहुंच चुकी है। जिनके माध्यम से दो हजार से अधिक लोगों को वापस लाया जा सका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी 15 हजार से अधिक लोग यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हुए हैं, जिसमें सबसे अधिक छात्र हैं। जो कीव सहित अन्य शहरों में फंसे हैं इन छात्रों द्वारा लगातार अपने वीडियो आदि भेज कर अपने बारे में सूचनाएं भेजी जा रही हैं। अधिकांश छात्र बंकरों में शरण लिए हुए हैं और अपनी परेशानियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस हालात में उनका बंकरों या घरों से निकलना इसलिए मुश्किल हो रहा है क्योंकि उनके पास आवागमन का कोई साधन नहीं है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा रूसी हमले से 3 दिन पूर्व यानी 20 फरवरी को ही यह एडवाइजरी जारी की गई थी कि भारतीय नागरिक जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ दें। लेकिन यूक्रेन में रह रहे भारतीयों द्वारा इस एडवाइजरी को नजरअंदाज कर दिया गया। हालांकि इस एडवाइजरी के बाद कुछ छात्र—छात्राएं स्वदेश लौट आए थे लेकिन 18 हजार से अधिक छात्रों व नागरिकों ने यूक्रेन नहीं छोड़ा था, जो अब संकट में फंसे हुए हैं। हालांकि केंद्र सरकार इनकी सुरक्षित वापसी का हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन 15 हजार से अधिक जो लोग अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं युद्ध की विभीषिका के बीच उन सभी को एक—दो दिन में लाया जाना संभव नहीं है। सरकार ने अपने चार मंत्रियों को भी यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा गया है और उन्हें भारतीय छात्रों की वापसी में मदद की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

गोलाबारी मेंं भारतीय छात्र की मौत

नई दिल्ली। यूक्रेन में चल रही गोलाबारी में आज एक भारतीय छात्र की मौत हो गयी है। भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा इस बात की पुष्टि करते हुए शोक जताया गया और मृतक के परिजनों से सम्पर्क किया गया है।
रूस द्वारा यूक्रेन पर किये जाने वाले हमले का आज 6वां दिन है। आज तड़के रूसी सेना द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव व उससे लगते शहर खारकीव पर पूरे दल बल के साथ हमला किया गया है। बताया जा रहा है कि इस गोलाबारी की चपेट में आकर एक भारतीय छात्र की मौत हो गयी है। भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा इस घटना पर शोक जताते हुए मृतक छात्र के परिजनों से सम्पर्क किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here