क्या मतगणना के बाद खेला हौवे?

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भाजपा व कांग्रेस दोनों ही आशंकित
स्थितियों को पक्ष में लाने के प्रयास शुरू

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान को 10 दिन होने जा रहे हैं। दोनों ही प्रमुख प्रतिद्वंदी दलों के नेताओं द्वारा हर रोज अपनी—अपनी जीत के बढ़—चढ़कर दावे किए जा रहे हैं लेकिन इन दावों के बीच दोनों ही दलों के नेताओं को खेला हौवे का डर भी सता रहा है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओ द्वारा अन्य विकल्पों की तलाश भी शुरू कर दी गई है।
चुनाव पूर्व आए सर्वेक्षणों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को आस—पास खड़ा दिखाया गया था इनमें हांलाकि कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी बनने की ओर इशारा किया गया था लेकिन चुनाव प्रचार में मोदी के उतरने से और महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के कारण कांग्रेस की बढ़त को खत्म करते हुए भाजपा बढ़त बनाती दिखी। लेकिन मतदान के बाद भाजपा के प्रत्याशियों द्वारा जो भितरघात की खबरें आई तो एक बार फिर कांग्रेस में बढ़त की उम्मीदें जाग उठी। लेकिन पल—पल मिलती खबरों और स्थितियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही असमंजस्य और संशय की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। भले ही अब भाजपा और कांग्रेस के नेता कुछ भी दावे कर रहे हो लेकिन उन्हें डर है कि 10 मार्च के परिणाम कुछ भी हो सकते हैं। उत्तराखंड की राजनीति में 2012 के चुनाव के बाद जो भी खेला हुआ था उसका कारण वह 32—31 का आंकड़ा ही था जब एक सीट अधिक होने के कारण कांग्रेस को सत्ता में आने का मौका मिल गया था, लेकिन भाजपा ने 2016 में बड़ा खेला कर इस सरकार को तगड़ा झटका दिया था।
अगर इस बार भी भाजपा व कांग्रेस दोनों में से कोई भी पूर्ण बहुमत हासिल करने में सफल नहीं हो पाती है तो फिर सूबे की राजनीति में खेला हौवे की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता है। राज्य में होने वाले अब तक के तमाम चुनावों में दो से चार के बीच निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं। इस बार भी इसकी संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि भाजपा या कांग्रेस ने उन छह संभावित जीत वाले निर्दलीयों से संपर्क साधना शुरू कर दिए हैं। वहीं इस बार बसपा भी सत्ता की चाबी अपने हाथ मेंं रखने का दावा कर रही है जो 2017 में शुन्य हो गई थी। 10 मार्च को होने वाली मतगणना के बाद की स्थितियों में क्या खेला हौवे ? यह समय के साथ ही पता चलेगा खेला की संभावनाएं नेताओं में बेचैनी पैदा कर रही हैं।

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