3 साल में ही भुला दिया पुलवामा के शहीदों को

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किसी भी नेता ने न याद किया न दी श्रद्धांजलि

देहरादून। यह अत्यंत ही दुखद है की जब 3 साल पूर्व हुए आतंकी हमले में अपनी जान गवंा देने वाले 40 जवानों की शहादत पर पूरा देश आंसू बहा रहा था और नेता उनके पार्थिक शरीरों की परिक्रमा कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे थे, उन्हें न सिर्फ देशवासियों ने और नेताओं ने उनकी इस बड़ी कुर्बानी को 3 साल में ही भुला दिया बल्कि देश के जागरूक मीडिया ने भी उनकी तीसरी बरसी पर उन्हें एक बार भी याद करने की जरूरत नहीं समझी है।
14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश ए मोहम्मद के आतंकियों द्वारा घात लगाकर सीआरपीएफ की एक बस को अपना निशाना बनाया था। विस्फोट से लदी एक कार सीआरपीएफ के काफिले में घुसी और बस से टकरा गई जिसके बाद हुए विस्फोट में 40 जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस वारदात में 70 जवान घायल हुए थे। इस आतंकी हमले से पूरा देश दहल गया था। शोक में डूबे देश के लोग गम और आक्रोश में थे तथा जब इन सभी 40 जवानों के शव दिल्ली लाए गए तो प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री तक तमाम नेताओं को श्रद्धांजलि देते हुए देश ने देखा था।
जब भी किसी शहीद का शव घर आता है तो हम जोर—जोर से नारे लगाते हैं। उनका नाम लेकर उनकी कुर्बानी को हमेशा याद रखने की बात करते हैं लेकिन आज पुलवामा हमले के 3 साल बीतते—बीतते हम उन्हें कैसे भूल जाते हैं यह आज देखने को मिला। चुनावी दौरों में जुटे नेताओं को एक बार भी इन 40 शहीदों की कुर्बानी न याद आई न किसी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और तो और मीडिया में भी सिर्फ चुनावी कवरेज ही सबसे ऊपर रही और कहीं एक समाचार पढ़ने या देखने को नहीं मिला। जो न सिर्फ दुखद है बल्कि हमारी राष्ट्रीयता व राष्ट्र धर्म पर भी सवाल खड़ा करता हैं जिसके बारे में बड़ी—बड़ी बातें की जाती है।

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