June 28, 2024चम्पावत। नशा तस्करी में लिप्त चार अंर्तराज्यीय तस्करों पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिनके पास से 840 ग्राम स्मैक व दो बाइक भी बरामद हुई है।जहंा एक तरफ राज्य सरकार उत्तराखण्ड को 2025 तक नशा मुक्त करने की बात कहती है। वहीं राज्य में नशा तस्करी के लगातार बढ़ रहे मामले कुछ और ही तस्वीर प्रस्तुत कर रहे है। नशा तस्करी का बड़ा और ताजा मामला चम्पावत जिले में सामने आया है। यहंा पुलिस और एसओजी टीम ने संयुक्त अंभियान चला कर चार अंर्तराज्यीय नशा तस्करों को दबोचने में सफलता हासिल की है। जिनके पास से 840 ग्राम स्मैक व तस्करी में प्रयुक्त दो बाइक भी बरामद की गयी है।जानकारी के अनुसार बीती शाम थाना बनवसा व एसओजी टीम को सूचना मिली कि क्षेत्र में कुछ नशा तस्करी नशीले पदार्थो की बड़ी खेप सहित आने वाले है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए पुलिस व एसओजी टीम द्वारा क्षेत्र में संयुक्त चैकिंग अभियान चला दिया गया। इस दौरान संयुक्त टीम को स्ट्रांग फार्म के पास नेशनल हाईवे पर दो बाइक सवार चार संदिग्ध आते हुए दिखायी दिये। संयुक्त टीम द्वारा जब उन्हे रूकने का इशारा किया गया तो वह बाइक मोड़कर भागने लगे। इस पर उन्हे घेर कर दबोचा गया। तलाशी के दौरान उनके पास से 840 ग्राम स्मैक बरामद हुई। पूछताछ में उन्होने अपना नाम मुकेश गोस्वामी पुत्र ब्रजेश कुमार निवासी ग्राम भोजपुर, थाना कटरा, जिला शाहजहाँपुर, उ.प्र., शिव ओम पुत्र रामसेवक निवासी ग्राम शाहपुर खिताऊवा, निकट हनुमानमंदिर, थाना कटरा, जिला शाहजहापुर उ.प्र., रंजीत पुत्र रामदीन, निवासी ग्राम भोजपुर, निकट हनुमान मंदिर, थाना कटरा, जिला शाहजहापुर उ.प्र. व अनिल कुमार पुत्र तेज राम निवासी शाहपुर खिताऊवा, निकट हनुमान मंदिर, थाना कटरा जिला शाहजहापुर उ.प्र. बताया। बताया कि वह स्मैक शाहजहांपुर में तैयार कर पीलीभीत, चंपावत, लोहाघाट तथा अन्य पर्वतीय जगह में तथा टनकपुर और बनबसा के रास्ते नेपाल में स्मैक को ऊंचे दामों में बेचते है। बहरहाल पुलिस ने उन्हे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। बरामद स्मैक की कीमत 85 लाख रूपये बतायी जा रही है।
June 28, 2024नैनीताल। रामनगर के पार्वती कुंज में एक ही परिवार के दो भाई—बहनोंं को सांप के डसने के मामले में जहंा बहन ने बीते रोज ही दम तोड़ दिया था वहीं अस्पताल में उपचार के दौरान आज सुबह भाई की भी मौत हो गयी है।जानकारी के अनुसार, पन्ना (मध्यप्रदेश) का राहुल परिवार के साथ 12 दिन पहले ही पीरूमदारा आया था और यहां मजदूरी कर रहा है। राहुल ने बताया कि बुधवार को वह, उसकी पत्नी और तीन बच्चे कमरे में सो रहे थे। रात करीब 12 बजे बेटा देव (6) और बेटी नित्या (4) रोने लगे। जब देखा तो वहां पर सांप बैठा था। सांप ने दोनों बच्चों के हाथ पर डस रखा था। परिजन सांप को डिब्बे में पकड़कर और दोनों बच्चों को लेकर रामनगर सीएचसी पहुंचे। बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने 4 वर्षीय नित्या को मृत घोषित कर दिया जबकि देव आईसीयू में भर्ती था। आज 6 वर्षीय देव की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। दोनों बच्चों की मौत से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
June 28, 2024वीरेन्द्र रावत भी गये थे उनके साथ भाजपा का असली चाल चरित्र यही हैः रावत हरिद्वार। नेता विपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व सीएम हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत ने आज गैंगरेप और हत्या के मामले में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।यशपाल आर्य ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा सवाल हो गया है। सरकार महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। आए दिन राज्य में महिलाओं के साथ हिंसा और उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन सरकार इन्हें रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है।उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी कांड से लेकर अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं और सरकार आरोपियों पर कार्यवाही की बजाय उन्हें बचाने के काम में लगी रहती है। उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें न्याय दिलाने की लड़ाई में उनके साथ खड़ी है। वीरेंद्र रावत ने कहा कि एक तरफ भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करती है वहीं दूसरी तरफ बेटियों के साथ घिनौनी हरकतें व हत्या करने वालों को संरक्षण देने का काम करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा का असली चेहरा यही है। उधर कांग्रेस नेता करन माहरा का कहना है कि हर बार महिला की हत्या और रेप में एक भाजपा नेता का नाम ही क्यों आता है।उल्लेखनीय है कि बीते 23 जून को हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में एक किशोरी का गैंगरेप के साथ हत्या कर दी गई जिसका खुलासा 24 घंटे के अंदर ही हो गया। पीड़िता की मां द्वारा अमित सैनी और भाजपा नेता आदित्य सैनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था पुलिस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
June 28, 2024देहरादून। आईटीबीपी के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी से भेंट कर बॉर्डर आउटपोस्ट की समस्याओं से अवगत कराया।आज यहां मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी से सचिवालय में आईटीबीपी महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने मुलाकात की। आईजी संजय गुंज्याल ने सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी को बॉर्डर आउटपोस्ट की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने सीमांत जनपदों पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली के जिलाधिकारियों से शीघ्र अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने का अनुरोध किया ताकि वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों का त्वरित निस्तारण हो सके। मुख्य सचिव ने आइटीबीपी को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। श्रीमती राधा रतूड़ी के आग्रह पर आईटीबीपी के चिकित्सकों द्वारा बॉर्डर के ग्रामों में निवासरत स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा देने पर सहमति बनी। बैठक में विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं देने तथा टेलीमेडिसिन के माध्यम से दुर्गम इलाकों को हेल्थ केयर से जोड़ने पर चर्चा की गई। आईजी संजय गुंज्याल ने जानकारी दी कि आईटीबीपी स्थानीय किसानों से प्रोक्योरमेंट करने का भी प्रयास कर रही है।
June 28, 2024उधमसिंहनगर। तेज रफ्तार डंपर की चपेट में आने से साइकिल सवार एक व्यक्ति की मौत हो गयी। हादसे के बाद गुस्साये लोगों ने डंपर में तोड़फोड़ कर हाईवे जाम कर दिया गया।सड़क दुर्घटना का यह मामला उधम सिंहनगर के काशीपुर क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार आईटीआई थाना क्षेत्र कें जैतपुर मोड़ पर सुरेश पुत्र बाल किशन निवासी ग्राम जैतपुर साइकिल पर सवार होकर आईजीएल की ओर किसी काम से जा रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार डंपर ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंच कर डम्पर में तोड़फोड़ कर हाइवे जाम कर दिया। बहरहाल पुलिस ने मौके पर पहुंच कर किसी तरह लोगों को शांत कराया और शव को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी है।
June 28, 2024नई सरकार के राजकाज संभालने के बाद संसद के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति के जिस अभिभाषण से शुरू करने की एक परंपरा है वह अभिभाषण क्या होता है इसके बारे में हम सभी भली भांति जानते हैं। राष्ट्रपति का यह अभिभाषण विशुद्ध रूप से एक सरकारी दस्तावेज होता है इसमें राष्ट्रपति का अपना कुछ नहीं होता है सरकार द्वारा जो लिखवा दिया गया होता है उसे राष्ट्रपति द्वारा सिर्फ पढ़ा भर जाता है। लेकिन इस सबके बीच भी इस अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियाें के अलावा सरकार की भावी नीतियों और सोच की झलक जरूर होती है जिससे सरकार की मंशा को समझा जा सकता है कि वह क्या कुछ करना चाहती है और क्यों करना चाहती है। सरकार सालों से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के दावे कर रही है वही दावे अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति द्वारा भी किए गए हैं। सरकार द्वारा अपने पिछले 10 साल के कार्यकाल में देश के 25 करोड लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर लाने की बात का उल्लेख किया जाता रहा है जो इस अभिभाषण में सुनने को मिला। सरकार द्वारा गरीब और कमजोर लोगों के उत्थान के लिए तमाम सारी योजनाएं चलाई जा रही है। 2024 के चुनाव में पेपर लीक और बेरोजगारी के जो मुद्दे प्रमुखता के साथ उठे उन्हें लेकर अब अगर सरकार चिंता जता रही है या फिर इन्हें रोकने के पुख्ता इंतजाम करने का वायदा किया जा रहा है तो यह अच्छी बात है। तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली धांधली के कारण देश के प्रतिभाशाली युवाओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। राष्ट्रपति द्वारा सैन्य बलों और सुरक्षा बलों को और अधिक सशक्त बनाने का भरोसा भी अपने अभिभाषण में जताया गया है। सवाल यह है कि विगत सरकार द्वारा जो अग्निवीर योजना लाई गई थी क्या सरकार उसे पर भी पुनर्विचार करेगी विपक्ष द्वारा इस योजना को लेकर भारी आपत्ति जताई जाती रही है तथा इसे सैन्य बलों को कमजोर बनाने वाली योजना बताया जाता रहा है। राष्ट्रपति ने अपने अभीभाषण में संसद में होने वाले हंगामे और उससे लोकहित प्रभावित होने का मुद्दा भी उठाया गया है लेकिन इसके लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया जाना क्या उचित है पूर्ववर्ती सरकार में जिस तरह से विपक्ष की आवाज को दबाने और सांसदों के थोक के भाव किए जाने वाले निलंबन क्या एक स्वस्थ संसदीय परंपरा के प्रतीक कहे जा सकते हैं। सरकार को जो कुछ करना है करें लेकिन इस 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज जिस सहयोग व सांमजस्य की भावना से करने की बात कही जा रही है वह सिर्फ कहने भर के लिए ही दिखाई दे रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बाद अब राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू द्वारा 50 साल पहले देश में लागू किए गए आपातकाल का जिक्र भर कर कांग्रेस पर हमला किया गया। क्या इस दौर में जब आप एक नई शुरुआत कर रहे हैं क्या इन गड़े मुर्दों को उखाड़े बिना किया जाना संभव नहीं था। लेकिन सत्ता में बैठे लोगों द्वारा इतिहास को क्यों दोहराया जा रहा है इसे हर कोई जान समझ रहा है ऐसी स्थिति में विपक्ष की आस्तीने चढ़ना भी स्वाभाविक है क्योंकि अब विपक्ष 2014 और 2019 की तरह कमजोर विपक्ष नहीं है अच्छा होता कि तनातनी की बजाय पक्ष—विपक्ष लोकहित व लोकतंत्र की मजबूती की सोच रखते।