रूसी सेना में भर्ती दो भारतीय नागरिक यूक्रेन संघर्ष में मारे गए

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कीव । भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूसी सेना में भर्ती हुए दो भारतीय नागरिक यूक्रेन संघर्ष में मारे गए। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी के लिए नई दिल्ली स्थित रूसी राजदूत और मॉस्को स्थित रूसी अधिकारियों के समक्ष इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया है।’ बयान में आगे कहा गया कि भारत ने रूसी सेना द्वारा अपने नागरिकों की और ज्यादा भर्ती रोकने की भी मांग की है। मंत्रालय ने एक बार फिर भारतीय नागरिकों से रूस में रोजगार के अवसर तलाशते समय सावधानी बरतने का आग्रह किया है। मार्च में विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और रूसी सैन्य इकाइयों में जान जोखिम में डालने वाली नौकरियां करने से बचने का निर्देश दिया था। सावधानी बरतने का यह निर्देश रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के रूप में काम कर रहे दो भारतीय नागरिकों की मौत के बाद आया है। एक साप्ताहिक ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नागरिकों से अपील की कि वे रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए एजेंटों द्वारा दिए जाने वाले प्रस्तावों से “बहकाए” न जाएं। उन्होंने कहा कि यह खतरे और जान को जोखिम में डालने वाला हो सकता है। पिछले दिनों केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में पता चला कि दर्जनों भारतीयों को आकर्षक नौकरियों के नाम पर लालच दिया गया और रूस-यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए भेजा गया। इसके बाद जांच एजेंसी ने युवा भारतीयों को विदेश भेजने में शामिल मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। यह जांच हैदराबाद के एक 30 वर्षीय व्यक्ति की कथित तौर पर रूस-यूक्रेन जंग के दौरान मौत के एक दिन बाद हुई, जो नौकरी की धोखाधड़ी का शिकार हो गया था।

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