मुजफ्फरनगर में स्कूली बच्चे की पिटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त

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  • जांच की निगरानी कोई सीनियर आईपीएस अफसर करें : सुप्रीम कोर्ट

  • नई दिल्ली। स्कूली बच्चे की पिटाई के वायरल वीडियो के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इस घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता। ट्रांससक्रिप्ट से साफ है कि स्कूल में शिक्षक बच्चे के धर्म के बारे में टिप्पणी कर बाकी बच्चों को उसकी पिटाई करने के लिए बोला जा रहा है। ये कैसी पढ़ाई हो रही है ? हमारी चिंता बच्चों को मिलने वाली शिक्षा को लेकर है। कोर्ट ने यूपी पुलिस की जांच और एफआईआर दर्ज करने में देरी पर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा, पुलिस के लचर रवैये को देखते हुए हम चाहते है कि जांच की निगरानी कोई सीनियर आईपीएस अफसर करें। इसके साथ ही यूपी शिक्षा विभाग से भी जवाब मांगा गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
    यह मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव का है। यहां प्राइवेट स्कूल की टीचर तृप्ता त्यागी ने एक बच्चे को दूसरे बच्चे को पीटने के लिए कहा। बच्चे की गलती बस इतनी थी कि उसने पहाड़ा याद नहीं किया था। इसी बात पर टीचर को इतना गुस्सा आया कि बच्चे को बुरी तरह पिटवाया। वहीं इस मामले पर आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी ने कहा, ‘बच्चा दो महीने से पहाड़ा नहीं याद कर रहा था। उसके पिता ने भी मुझसे कहा था कि इस पर थोड़ी सख्ती करो, वरना ये पढ़ाई नहीं करेगा। इसके बाद मैंने बच्चों से उसकी पिटाई करा दी। मुझसे गलती हुई है, ये बात मैं मानती हूं’। बता दें कि पीड़ित पिता ने इस मामले में पहले समझौता होने की बात कही थी, लेकिन ये वीडियो वायरल होने के बाद तमाम राजनीतिक दलों की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई, जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

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