- वायू सेना की भी ली गयी सहायता
उत्तरकाशी। जनपद टिहरी व उत्तरकाशी के मध्य स्थित सहस्त्रताल ट्रेक पर गया 22 सदस्यों वाले एक ट्रैकिंग दल के खराब मौसम में रास्ता भटक जाने के कारण इसके चार सदस्यों के मृत्यू होने और बाकी सदस्यों के इस उच्च हिमालयी ट्रेक रुट में फंसने की सूचना प्राप्त हुई। जिनके रेस्क्यू को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा वायू सेना व एसडीआरएफ सहित कई टीमों को रवाना किया गया है। जिन्होने समाचार लिखे जाने तक 10 टै्रकर्स को रेस्क्यू कर लिया था।
बता दें कि हिमालयन व्यू ट्रैकिंग ऐजेंसी, मनेरी के द्वारा मल्ला—सिल्ला—कुशकल्याण—सहस्त्रताल ट्रैक पर एक 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल जिसमें कनार्टक के 18 सदस्य एवं महाराष्ट्र का एक सदस्य और तीन स्थानीय गाईड शामिल थे, को गत 29 मई को सहस्त्रताल के ट्रैकिंग अभियान पर रवाना करवाया गया था। इस ट्रैकिंग दल को आगामी 7 जून तक वापस लौटना था। इसी दौरान गत दिन अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। सम्बन्धित ट्रैकिंग ऐजेंसी ने खोजबीन करने पर इस दल के चार सदस्यों की मृत्यु होने की सूचना देते हुए ट्रैक में फंसे 13 सदस्यों के फँसे होने की घटना से प्रशासन को अवगत कराया गया।
मामले में जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया है कि सहस्त्रताल की ट्रैकिंग रुट पर फंसे ट्रैकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ व वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग—अलग दिशाओं से घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी व रेस्क्यू टीम सिल्ला गाँव से आगे निकल चुकी है। जबकि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआएफ का दल भी आज तड़के टिहरी जिले के बूढाकेदार की तरफ से रेस्क्यू की कार्रवाई शुरू करने के लिए रवाना हो चुका है।
इस रेस्क्यू अभियान के समन्वय में जुटे पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की माउंटेनियरिंग टीम भी देहरादून से हेलीकॉप्टर से एरियल रैकी के रवाना होने वाली है। जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट पर रखा गया है। आइटीबीपी मातली से भी 14 रेस्क्यूअर्स और एक डॉक्टर को रवाना किया जा चुका है। एनआईएम से भी बैक अप टीम रवाना की जा रही है।
रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम गत साँय से ही निरंतर सक्रिय है। कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार टेहरी जिला प्रशासन द्वारा भी हैली रेस्क्यू हेतु अरदंगी हैलीपेड को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जहां पर एम्बुलेंस टीम, लोनिवि व पुलिस की टीम तैनात की गई है। खोज बचाव हेतु जनपद टिहरी से भी वन विभाग, एसडीआरएफ पुलिस व स्थानीय लोगों की टीम रवाना की जा रही है, जो कि घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना होगी। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी को खोज एवं बचाव अभियान के पर्यवेक्षण और इसमें शामिल विभिन्न एजेंसियों के मध्य बेहतर समन्वय बनाये रखने की जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रशासन के द्वारा वायु सेना से भी फंसे ट्रेकर्स के सर्च और रेस्क्यू हेतु अनुरोध किया गया है। जिसे देखते हुए मातली व हरसिल सहित अन्य हेलीपैड पर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किये गए हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार वायु सेना की हेली सर्च एवं रेस्क्यू टीम अभियान में शामिल होने के लिए जल्द रवाना होने वाली है। सहस्त्रताल ट्रेक रुट पर फंसे ट्रैकर्स को निकालने के लिए वायु सेवा के द्वारा भी सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायु सेना के दो चेतक हेलीकॉप्टर अभियान में लगाये गए हैं। वहीं समाचार लिखे जाने तक दस टै्रकर्स को रेस्क्यू किया जा चुका था।