नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन से पहले राजगीर में प्राचीन नालंदा के खंडहरों का दौरा किया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना सर्किल की अधीक्षण पुरातत्वविद् गौतमी भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री को प्राचीन खंडहरों के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने यहां एक पौधा भी लगाया।नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस के उद्धाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा तथा 17 देशों के राजदूत भी शामिल थे। विश्वविद्यालय का नया कैंपस नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के करीब है। नए कैंपस में 6 रिसर्च सेंटर हैं जिनमें बौद्ध अध्ययन, दर्शन और तुलनात्मक धर्म स्कूल, ऐतिहासिक अध्ययन स्कूल, पारिस्थितिकी और पर्यावरण अध्ययन स्कूल, और सतत विकास और प्रबंधन स्कूल शामिल हैं।
प्राचीन नालंदा के खंडहरों में मठ और शिक्षण संस्थान के पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं। इसमें स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय और शैक्षणिक भवन) तथा प्लास्टर, पत्थर और धातु से बनी महत्वपूर्ण कलाकृतियां शामिल हैं। नालंदा भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है। पीएम मोदी ने नालंदा दौरे से पहले सुबह X पर एक पोस्ट में लिखा, “यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है। आज राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया जाएगा। नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा नाता है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत मददगार साबित होगा।”