पहाडों की रानी पानी के लिए तरसी

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पर्यटन उघोग को बढावा देने के दावे फुस्स!

देहरादून। सरकार के मंत्री व अधिकारी प्रदेश में पर्यटन उघोग को बढाने के दावे करते नही थकते हैं वहीं उनके दावों की पोल पहाडों की रानी में पानी की किल्लत ने खोलकर रख दी जहां स्थानीय लोगों को पानी के लिए धरने पर बैठना पडा था लेकिन धरने देने के बाद भी विभाग नींद से नहीं जागा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जिस दल की भी सरकार आयी तो सरकार के नुमाइंदे प्रदेश में पर्यटन उघोग को बढावा देने के दावे करते रहे हैं। मंत्री से लेकर अधिकारी तक पर्यटन उघोग को बढावा देने व पर्यटकों के लिए हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराने के वायदे करते रहते हैं। मंत्रियों व अधिकारियों के दावों को मसूरी के आसपास के क्षेत्रों ने पोल खोलकर रख दी है। मसूरी के कई ऐसे क्षेत्र है जहां पर स्थानीय लोगों को कई मील चलकर पानी लाना पड रहा है। इंसान की सबसे बडी जरूरत पानी है और उसी के लिए लोग तरस रहे हैं। मसूरी के बारह कैची क्षेत्र के लोग पानी की किल्लत के चलते इतने मजबूर हो गये है कि उनको जल संस्थान के कार्यालय के बाहर धरना देना पड गया। उनका कहना है कि पहले उनके क्षेत्र में दिन में दो बार पानी आता था लेकिन अब हाल यह हैं कि कई महीनों से एक समय भी पानी नहीं आ रहा है तथा यहां के बच्चों व महिलाओं को कई मील का सफर तय करके पानी लाना पड रहा है। वर्तमान में गर्मी का मौसम होने के कारण पानी एक जरूरत बन गया है और विभाग का आलम यह है कि उनकी तरफ देख भी नहीं रहे है जिसके चलते मजबूर होकर उनको धरने पर बैठना पड रहा है। धरना देने के बाद विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन आश्वासन का थ्ौला थमाके वहां से चले गये। धरना देने के बाद भी 24 घंटे बीत जाने के पर भी विभाग की नींद नहीं खुली। मंत्रियों व अधिकारियों के दावों को पलीता लगाने में जल संस्थान के अधिकारी लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री हो चाहे पेयजल मंत्री कोई भी जल सस्ंथान के अधिकारियों से बडा नही होता यह बात मसूरी के जल संस्थान के अधिकारियों ने साबित कर दिया है।

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