किसानों की समस्याओं को लेकर पूर्व सीएम ने दिया मौन धरना

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  • सरकार पर लगाया वायदा खिलाफी का आरोप

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज किसानों की समस्याओं को लेकर स्थानीय गांधी पार्क में अपने समर्थकों के साथ मौन धरना प्रदर्शन किया।
धरने पर बैठने से पूर्व उन्होंने राज्य की प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों के साथ वायदा खिलाफी कर रही है तथा उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि मानसूनी आपदा के दौरान हरिद्वार और रुड़की क्षेत्र में जल भराव के कारण किसानों की हजारों हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा और उनके खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गई। उन्होंने कहा कि आपदा के समय वह खुद क्षेत्र में गये और स्थिति का जायजा लिया। किसानों को साथ लेकर वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले और उन्होंने किसानों की हर संभव मदद का भरोसा दिया था। लेकिन जब मदद देने की बारी आई तो उन्हें 1500 रूपये बीघा के नुकसान का मुआवजा दिया गया जो एक तरह से जले पर नमक छिड़कने जैसा ही है। उनका कहना है कि इससे तो अच्छा था कि वह किसानों को कुछ देते ही नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के साथ इस तरह का मजाक नहीं करना चाहिए था। भाजपा कहां तो किसानों की आय दो गुना करने की बात करती है लेकिन किसानों की समस्याओं और दुख दर्द से सरकार को कोई सरोकार नहीं है। सरकार के इस रवैया से हरिद्वार के किसान खासे नाराज हैं उनकी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आज वह यहंा धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है जिसमें प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अलावा और भी बड़े—बड़े नेता आ रहे हैं वह चाहते हैं कि किसानों की बात दिल्ली के नेताओं के कानों तक भी पहुंच सके। उन्होंने पत्रकारों से भी अपील की कि वह अपने सशक्त प्रकाशन और प्रचार के माध्यम से उनकी बात सरकार तक पहुंचने में उनकी मदद करें इसके लिए वह मीडिया के आभारी होंगे। इस अवसर पर उनके साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक और हरिद्वार के कुछ किसान नेता तथा किसान भी थे।

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