तीसरी बारी, भाजपा की तैयारी

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पांच राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनाव और उसके नतीजों से उत्साहित भाजपा ने 2023 में ही 2024 के आम चुनावो के लिए अपनी जमीन तैयार कर ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत के साथ—साथ त्रिपुरा में भी मिली अप्रत्याशित जीत से उसका उत्साह सातवें आसमान पर है। इससे पूर्व कर्नाटक की हार से छाया कुहासा अब छंट चुका है और विपक्षी एकता से जन्मे इंडिया गठबंधन से मिलने वाली चुनौती का असर भी धीरे—धीरे कम हो चुका है। वर्ष 2023 में केन्द्र सरकार द्वारा जो महत्वपूर्ण फैसले किये गये है और जो कुछ किया जा रहा है उसमें अनेक मुद्दे है जिन्हे भाजपा अपनी उपलब्धियों के रूप में जनता के सामने रख सकती है। नई संसद के निर्माण और उसके पहले ही सत्र में पारित कराया गया नारी शक्ति बंधन अधिनियम जिसके तहत महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो चुका है, से लेकर अभी दो—तीन दिन पहले विपक्ष की अनुपस्थिति में अंग्रेजों के जमाने के तीन आपराधिक कानूनों को समाप्त कर नये कानून लागू किये जाने और 138 साल पुुराने टेलीग्राफ एक्ट की जगह नया दूर संचार विधेयक लाया जाना, वन नेशन वन इलेक्शन के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने, इंडिया को हटा कर उसकी जगह भारत लिखे जाने, अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण और जी—20 के सफल आयोजन जैसी तमाम उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी कर ली गयी है। इसके साथ ही 2024 के चुनाव में भाजपा यूसीसी (यूनिफार्म सिविल काड) जिसका परीक्षण उत्तराखण्ड में किये जाने की तैयारी है लगभग पूरी हो चुकी है जैसे मुद्दों को भाजपा आगामी चुनाव में अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में जनता के सामने रखने की रूपरेखा तैयार कर चुकी है। केन्द्र सरकार की कुछ जन कल्याण कारी योजनाएं जो बीते कई सालों से जारी है जिसमें मुफ्त राशन योजना जिसकी अवधि अब आगामी पांच साल के लिए और बढ़ा दी गयी है, के अलावा हर घर नल, स्वच्छ भारत मिशन, उज्जवला आदि अन्य योजनाओं को भी जोड़ दिया जाये तो इसकी सूची इतनी लम्बी हो जाती है कि भाजपा नेता भी अपनी उपलब्धियों को गिनाते—गिनाते थक जायेगें, पीएम आवास योजना में कितने गरीबों को पक्के मकान मिले, कितने लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाला, कितनी गुलामी की निशानियों को मिटाया और मेक इन इंडिया का कितना परचम लहराया, किसानों को कितने करोड़ सम्मान राशि बांटी, सब का उल्लेख कर पाना भी मुश्किल है। यह अलग बात है कि महिलाओं को विधानसभाओं और संसद मेें 33 फीसदी आरक्षण कब मिल सकेगा अभी इसका अता पता भी नहीं है और न वन नेशन वन इलैक्शन पर कोई भविष्य वाणी की जा सकती है और यूसीसी के प्रभाव और परिणाम क्या होगें इसका कुछ अता पता नहीं है लेकिन वर्तमान केन्द्र सरकार वर्तमान दौर में इतनी अधिक जल्दबाजी मे है कि वह अनेक बड़े कामों को बाकी बचे चन्द दिनों में ही निपटाने में जुटी हुई है। 2024 के चुनाव में जीत के लिए वह कुछ भी करने को तैयार है। अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण तो अब हो ही चुका जिसके बारे में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि यह बड़ा चुनावी मुद्दा होगा। इसके साथ ही काशी और मथुरा कृष्ण जन्म भूमि विवाद जो न्यायालय में विचाराधीन है उन्हे भी अपने तीसरे कार्यकाल मे निपटाने और देश को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का दावा व वायदा भी भाजपा के चुनावी एंजेडें में शुमार है साथ ही जम्मू कश्मीर जो एक राज्य का दर्जा हासिल कर चुका है वहंा होने वाले विधानसभा चुनाव कराने जैसे मुद्दों पर भाजपा अत्यन्त सक्रिय दिखायी दे रही है। भाजपा की 2024 की तैयारी जिस मुकाम पर है उसे देखते हुए वह अपनी जीत पक्की मान रही है यही वजह है कि पीएम मोदी अपनी तीसरी पाली का दावा कर रहे है।

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