राहुल का एक और धमाका

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नेता विपक्ष राहुल गांधी द्वारा एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की भाजपा सरकार और निर्वाचन आयोग पर वोट की चोरी से हरियाणा का विधानसभा चुनाव जीतने के आरोप लगाए गए हैं। बिहार चुनाव के समय उनके द्वारा वोट चोरी के मुद्दे पर की जाने वाली यह तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। इससे पहले वह कर्नाटक और महाराष्ट्र में वोट चोरी को लेकर बड़े खुलासे कर चुके हैं लेकिन उनकी इस तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में 25 लाख वोटो की हेरा फेरी का जो आंकड़ा उनके द्वारा पेश किया गया है वह किसी भी राज्य के विधानसभा चुनाव के परिणामों को पलटने के लिए बहुत काफी होता है। उनका कहना है कि इस तरह की वोट चोरी के प्रयास बिहार में भी किए जा रहे हैं जहां एक ही गांव के 180 लोगों के वोट काट दिए गए हैं जिनका नाम लोकसभा चुनाव की सूची में था लेकिन अब विधानसभा चुनाव की सूची में नहीं है। जिन्हें वह दिल्ली लाने की बात भी कर रहे हैं। हरियाणा चुनाव के समय जो चुनावी सर्वे आए थे वह चुनाव परिणामों के एकदम उलट थे। हरियाणा के चुनावी नतीजों ने विपक्ष ही नहीं बल्कि पूरे देश को चौंका दिया था। आज राहुल गांधी ने एक लड़की की तस्वीर दिखाते हुए कहा है कि इसे पहचान लीजिए यह ब्राजील की एक मॉडल है। जिसने हरियाणा चुनाव में अलग—अलग नाम से 22 जगह मतदान किया। वहीं उन्होंने एक अन्य महिला का फोटो दिखाते हुए कहा कि इसका नाम 223 मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची में दर्ज है। इस चुनाव में हेरा फेरी के आंकड़े सामने लाने की बात कहकर उन्होंने 19 हजार बल्क वोटर गिना डाले वहीं 95—174 इनवेलिड किये गए वोटो की संख्या का जिक्र भी किया। राहुल गांधी के इस खुलासे के बाद राजनीतिक हलको में तूफान आ गया है भले ही किरन रिजजू इन आरोपों को गलत बता रहे हो लेकिन यह आरोप इतने गंभीर है कि चुनाव आयोग को भी कुछ जवाब देते नहीं बन रहा है। राहुल गांधी के इस खुलासे के बाद पत्रकारों की जो भी प्रतिक्रियाएं आई है उनका यही मानना है कि यह कतई भी हल्के में लिए जाने वाला मुद्दा नहीं है अगर आयोग उनके आरोपों को गलत मानता है तो उसे राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में जाना चाहिए। क्योंकि यह निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता से जुड़ा मामला है और इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर निर्वाचन आयोग सत्ता के साथ मिलकर उसे अनैतिक तरीके से चुनाव जिताने के लिए काम कर रहा है तो यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और लोकतंत्र की हत्या है। भाजपा या निर्वाचन आयोग इस मामले को लेकर अदालत में जाएगा या नहीं यह तो पता नहीं लेकिन राजनीतिक गलियारों से खबरें आ रही है कि इंडिया ब्लॉक से जुड़े 44 राजनीतिक दल अब इस वोट चोरी के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। अगर ऐसा कुछ भी हुआ तो निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार तथा भाजपा की मुश्किलें अवश्य ही बढ़ सकती हैं। अगर मतदाता सूचियाें में इतने व्यापक स्तर पर हेरा फेरी की जा सकती है तो फिर इस तरह के चुनाव का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। लेकिन इस मामले की अनुगूंज रुकने वाली नहीं है। जो देश व देश के लोकतंत्र के लिए शुभ लक्षण नहीं है।

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