हरक के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता: धामी
अनुशासनहीनता किसी की बर्दाश्त नहींः कौशिक
देहरादून। भाजपा ने डॉ हरक सिंह रावत को न सिर्फ सरकार से बल्कि पार्टी से बर्खास्त कर ऐसा जोरदार झटका दिया है कि वह अब आंसू बहाने पर मजबूर है। वह खुद अब मीडिया के सामने यह कह रहे हैं कि उन्होंने भाजपा को नहीं छोड़ा है भाजपा ने उन्हें बर्खास्त कर बाहर निकाला है उनका कहना है कि भाजपा ने उन्हें अपमानित किया है और अब वह भाजपा को हराने के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है।
उनका कहना है कि अगर अब वह किसी राजनीतिक दल के साथ जाएंगे तो केवल कांग्रेस के साथ जाएंगे अन्यथा अकेले रहकर राज्य के लोगों के लिए काम करेंगे। उन्होंने दोबारा भाजपा में जाने की संभावनाओं से इंकार करते हुए कहा है कि अब इसका सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि फर्जी मीडिया खबरों को आधार बनाकर भाजपा ने उन्हें पार्टी से निकाला है मुझे पार्टी ने बाहर निकाल कर मेरा बोझ हल्का कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी टीम से बाहर कर दिए जाने पर कोई खिलाड़ी खेलना नहीं छोड़ देता उन्होंने काग्रेस में जाने के सवाल पर कहा कि मैंने अमित शाह को भाजपा न छोड़ने का वचन दिया था लेकिन जब भाजपा ने मुझे बाहर कर दिया है तो अब कांग्रेस से बात करूंगा उन्होंने कहा कि कांग्रेस कम से कम 40 सीटों पर जीत के साथ सत्ता में आ रही है।
ऐन चुनाव पूर्व दल बदल के प्रयासों में जुटे नेताओं को कांग्रेस की तर्ज पर भाजपा ने भी डॉ हरक सिंह के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर आपदा में अवसर तलाशने वाले नेताओं को एक कड़ा संदेश देने का प्रयास किया है। इससे पूर्व दलबदल की चर्चाओं के बीच कांग्रेस नें किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटा दिया था इसके बाद अब भाजपा ने डॉक्टर हरक सिंह को बाहर का रास्ता दिखा कर यह कर दिया है कि सत्ता की मलाई के लिए दल बदलने वाले दल बदलूओं का क्या हश्र हो सकता है।
डॉ हरक सिंह के खिलाफ की गई इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हरक के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वही प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि डॉ हरक सिंह रावत को कई मौके दिए गए लेकिन वह अपने कामों और व्यवहार से लगातार पार्टी के सामने असहज स्थिति पैदा करते रहे। जिसके कारण उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पार्टी को करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह चाहे कोई भी क्यों न हो? उन्होंने कहा कि पार्टी का नियम है कि वह एक परिवार के एक ही व्यक्ति को टिकट देगी।
2016 में कांग्रेस के विभाजन के सुत्रधार माने जाने वाले डॉ हरक सिंह रावत को कांग्रेस अपने में शामिल करेगी या नहीं अथवा हरक सिंह अब कहां जाएंगे? उनकी पुत्रवधू अनुकृति रावत जिनके लिए डॉक्टर हरक लैंसडाउन से टिकट मांग रहे थे उनका क्या होगा? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले एक—दो दिनों में ही मिल सकेंगे। फिलहाल प्रदेश की आम जनता नेताओं की अवसरवादी राजनीति के लिए सोशल मीडिया पर उनकी अच्छी खासी मजम्मत करने में जुटी है।