आसमानी आपदा से राज्य को पहुंचा भारी नुकसान : 50 से अधिक मरे, दर्जनों लापता

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सीएम आज भी प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर
गृहमंत्री अमित शाह आज आएंगे उत्तराखंड

देहरादून। भले ही आसमान से बरसी आफत अब थम चुकी हो लेकिन धरातल पर इसके आफ्टर इफेक्ट अभी जारी हैं। सरकार द्वारा जारी ताजा अपडेट के अनुसार बीते 72 घंटों में इस आसमानी आपदा से 46 लोगों के मरने और 11 लोगों के लापता होने तथा 9 घरों के क्षतिग्रस्त होने की बात कही गई है। लेकिन गैर सरकारी आंकड़ों के हिसाब से नुकसान इससे कई गुना अधिक है। आपदा अपने पीछे कई तबाही के ऐसे निशान छोड़ गई है जिन्हें भरने में सालों लग जाएंगे।
इस आपदा में अब गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है तथा दर्जनों लोग अभी भी लापता है। वह मलबे में दबे हैं या पानी के तेज बहाव में बह गए उनका कुछ पता नहीं है। सरकारी आंकड़े भले ही 9 घरों के क्षतिग्रस्त होने की बात कह रहे हो लेकिन अकेले नैनीताल के रामगढ़ के सुंदरखाल में दर्जनों लोगों के घर कोसी नदी में समा गए हैं जिनका नामोनिशान भी शेष नहीं बचा है। इन घरों में रहने वाले लोग अपने छोटे—छोटे बच्चों और मवेशियों के साथ खुले आसमान के नीचे राहत की बाट जो रहे हैं। जिन तक शासन प्रशासन का कोई आदमी नहीं पहुंच सका है। इस आपदा से नैनीताल के तल्ला रामगढ़ क्षेत्र में सबसे अधिक तबाही बात कही जा रही है।

खास बात यह है कि आपदा का क्षेत्र राज्य के 10 जिलों में फैला हुआ है जिनमें चार—पांच जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। जिसमें नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत और पिथौरागढ़ तथा उधमसिंह नगर शामिल है। अकेले नैनीताल में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। खास बात यह है कि आपदा का यह क्रम अभी जारी है। आज सुबह चमोली के थराली विकासखंड के डूंगरी गांव में पहाड़ से मलवा आने पर दो लोग मलबे में दब गए। मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम इन्हें मलबे से निकालने की कोशिशों में जुटी हुई है।

अच्छी खबर यह है कि फिलहाल राज्य में बारिश थम गई है लेकिन भूस्खलन के कारण राज्य की तमाम सड़कों (123) के बंद होने के कारण बचाव और राहत कार्यों में लगी टीमें प्रभावित क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज लगातार दूसरे दिन भी हालात का जायजा लेने के लिए निकले हुए हैं। उधम सिंह नगर में उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं कर सका तो वह ट्रैक्टर पर होकर ही क्षेत्र के दौरे पर निकले हुए हैं। उधर आज शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी राज्य में इस आपदा से हुए नुकसान की जानकारी लेने के लिए उत्तराखंड आ रहे हैं। सीएम आपदा में मरने वालों के परिवारों को चार—चार लाख मुआवजे की घोषणा कर चुके हैं। उम्मीद है कि अमित शाह राज्य की सहायता के लिए कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं। क्योंकि इस आपदा में कई पुल टूट गए हैं तथा सड़कों व रेलवे ट्रैक को भी भारी नुकसान पहुंचा है। यही नहीं कृषि क्षेत्र को बड़ी क्षति पहुंची है। जिसकी समीक्षा किया जाना बाकी है।

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