- नतमस्तक नेता कभी भी कर सकते हैं खेला
- इस बार मजबूत विपक्ष होगा सामने
- नीतीश ने ठुकराया पीएम का ऑफरः त्यागी
नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के गठन की तैयारियां जोर—जोर से जारी हैं। एक तरफ इंडिया गठबंधन के प्रमुख दलों की संसदीय सदस्यों की बैठकों का दौर चल रहा है, कांग्रेस जो इस चुनाव में दूसरे बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आया है। उसकी सीडब्ल्यूसी की बैठक में नेता विपक्ष के नाम पर विचार विमर्श चल रहा है वही एनडीए के नेता नए मंत्रिमंडल में किस—किस चेहरे को रखा जाए तथा किसको कौन सा मंत्रालय दिया जाए? जैसे गंभीर मुद्दों पर बैठकों का सिलसिला चल रहा है।
कल शाम 7ः15 बजे नरेंद्र मोदी जिन्हे एनडीए द्वारा संसदीय दल का नेता चुना जा चुका है पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। उनके साथ कितने मंत्री शपथ लेंगे और किसका मंत्रालय के हिसाब से क्या वजूद रहेगा इस पर माथा पच्ची की जा रही है। अमित शाह ने आज जेपी नड्डा से मिलकर इस पर लंबी चर्चा की है। जदयू नेता नीतीश कुमार सहयोगी दलों में सबसे हैवीवेट नेता है। संसदीय दल की बैठक के दौरान उनका मोदी के पैरों में झुकना अभी भी एक अबूझ पहेली बना हुआ है वही टीडीपी नेता नायडू जो मोदी की तारीफ में कसीदेकारी कर रहे हैं और हमेशा साथ रहने की बात कर रहे हैं उन्हें क्या—क्या मिलता है यह सब एक—दो दिन में साफ हो जाएगा।
इस बीच एक खुलासा जदयू नेता के.सी. त्यागी ने भी किया है कि इंडिया गठबंधन से नीतीश कुमार को पीएम पद देने का ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया। उनके इस बयान के मायने भी तलाशे जा रहे हैं। चर्चाओं में तो यह भी है कि नीतीश कुमार व चंद्रबाबू नायडू जो करते हैं उसके बारे में कहते नहीं है और जो कहते हैं वह करते नहीं है। कौन कब क्या कुछ बड़ा खेला कर देगा इसका कोई भी भरोसा नहीं किया जा सकता है।
उधर दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी जिनका नीतीश, नायडू और चिराग पासवान पर जो प्यार बरस रहा है इसका कारण तो सभी को समझ आ रहा है। लेकिन इस प्यार—दुलार, मान—सम्मान के दिखावे के पीछे क्या कुछ चल रहा है कैबिनेट गठन और मंत्रालय के बंटवारे के बाद ही इसकी सही और साफ तस्वीर सामने आ सकेगी। हां इस बार लोकसभा में एक मजबूत विपक्ष जरूर दिखाई देगा। इसका नेतृत्व राहुल गांधी करेंगे या अखिलेश यह भी जल्द साफ हो जाएगा। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार का तो प्रयास था कि नेता विपक्ष का पद समाप्त ही कर दिया जाए मगर अब कांग्रेस के 99 की संख्या बल ने उनके इस मंसूबे को ध्वस्त कर दिया है।