समय को काटो नहीं अपितु जियो : आचार्य ममगाईं

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रूद्रप्रयाग। जो समय का सदुपयोग करना नहीं जानते, उनका जीवन भी अनुपयोगी बन जाता है। समय को काटो नहीं अपितु जियो। समय काटना अर्थात समय का दुरूपयोग करना और समय को जीना अर्थात समय का सदुपयोग करना। हमारे शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि मनुष्य अपनी नासमझी में अपने जीवन को व्यर्थ गंवाता है।
यह बात ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने मनियास्यूं के ग्राम पालाकुराली लस्या जखोली रूद्रप्रयाग में किशोर राणा द्वारा आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर कहे। उन्होंने कहा, कालो न यातो वयमेव याताः अर्थात— मनुष्य समझता है कि वह समय काट रहा है मगर सच्चाई यह है, कि वह समय को नहीं अपितु समय ही उसे काट रहा है। समय उन लोगों द्वारा ही जिया जाता है जो निरंतर पुरुषार्थ में लगे हुए हैं। जो नये सृजन और सफल होने के लिए निरन्तर कर्म करने में विश्वास रखते हैं।
मेहनत को छोड़ केवल किस्मत में विश्वास रखने वाले मनुष्य ही समय को जीने की अपेक्षा काटने में लगे रहते हैं। प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना सीखो ताकि अपने जीवन को आप उन्नति और उत्थान की ओर अग्रसर कर सकें।
आज विशेस रूप से आयोजकों के द्वारा एक सुन्दर झांकी निकाली गई व माखन मिश्री का प्रसाद बांटा गया।
इस अवसर पर कृपाल सिह, केसर सिंह राणा, शिवसिंह नेगी, विरेन्द्र सिंह नेगी, डॉक्टर गुलाब सिंह राणा, सेमर सिंह, अनुराग, सते सिंह, महावीर, किशन सिंह, इंद्र सिंह, दिगम्बर सिंह, ग्राम प्रधान कमला देवी, सुभाष राणा, वचन सिंह, किशन सिंह, कपूर सिंह, धीरज सिंह, सुभगा देवी, रोशनी राणा, रजनी राणा, सीमा राणा, सावित्री देवी, सुशीला देवी, गंगी देवी, खुशी राणा, निधि राणा, अशोक राणा, अक्षित राणा, आचार्य भानु ममगाईं, आचार्य संदीप बहुगुणा, आचार्य विजेंदर, ममगाईं, आचार्य अंकित केमनी आचार्य, जितेंद्र आचार्य, सुनील शुक्ला सहित दूर—दूर आये भक्त गण भारी संख्या में उपस्थित रहे।


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