माले। मालदीव में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। संसद में विपक्षी दलों के नेता अली अजीम ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को पद से हटाने की मांग उठाई है। विपक्ष का आरोप है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के साथ विवाद के दौरान देश का सम्मान नहीं बचाया और न ही संकट का कुशलतापूर्वक समाधान किया। कुछ दिनों पहले मालदीव की एक मंत्री मरियम शिउना ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थीं। इसके बाद भारत ने नाराजगी जताई और सख्त कदम उठाए। मालदीव सरकार ने हालांकि मंत्री को निलंबित कर दिया, लेकिन विपक्ष को यह काफी नहीं लगा। अली अजीम ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति ने पूरी घटनाक्रम को संभालने में ढिलाई और कमजोरी दिखाई, जिससे भारत के साथ रिश्ते खराब हुए हैं। अली अजीम ने संसद में ऐलान किया है कि विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने देश के अन्य सांसदों से राष्ट्रपति के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। अगर अविश्वास प्रस्ताव सफल होता है तो मालदीव में सियासी सत्ता परिवर्तन की संभावना है। इस राजनीतिक तूफान का मालदीव की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। गौरतलब है कि मालदीव का पर्यटन उद्योग काफी हद तक भारतीय पर्यटकों पर निर्भर है। विवाद के बाद कई भारतीयों ने सोशल मीडिया पर मालदीव का बहिष्कार का आह्वान किया है, जिससे पर्यटन क्षेत्र पर दबाव बढ़ सकता है। अभी तय नहीं है कि अविश्वास प्रस्ताव लाने की विपक्ष की कोशिशें सफल होंगी या नहीं। फिलहाल, मालदीव की राजनीति में अनिश्चितता का माहौल है। यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति सोलिह इस संकट का समाधान कैसे करते हैं और भारत के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए क्या कदम उठाते हैं।