चांद पर भारत

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कहा जाता है कि असफलता ही सफलता की जननी होती है दृढ़ इच्छा शक्ति और कड़ी मेहनत करने का अगर माद्दा है तो आपको अपने किसी भी मिशन में सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता है। इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान दो की असफलता को चुनौती देते हुए बीते कल चंद्रयान 3 मिशन में जो सफलता हासिल की है वह इसकी एक बेहतरीन मिसाल है। जिस शानदार तरीके से चंद्रयान 3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की गई उसे देखकर विश्व के वह राष्ट्र भी भारत की इस बड़ी कामयाबी पर तालियां बजा रहे हैं जिन्हें महा शक्तियों और विकसित राष्ट्रो में शुमार किया जाता है। इस सफलता के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगा दी है और वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारतीय ध्वज फहराने वाला पहला देश बन गया है। अभी 4 दिन पहले की ही बात है जब रूस का लूना 25 नाकाम हो गया था। 23 अगस्त 2023 का दिन भारत के इतिहास में इस सफलता के साथ स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो चुका है और अंतरिक्ष में भारत को इस सफलता के साथ उन चार देशो के साथ लाकर खड़ा कर दिया है जो भारत से कई दशक पहले से इस अभियान में जुटे थे। इस अभियान की कई ऐसी खास बातें हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। भारत का यह मिशन चंद्रयान-3 पूर्णतया स्वदेशी तकनीक आधारित था तथा इस मिशन का रिकॉर्ड कम समय यानी 10 माह में पूरा किया गया और इसमें एक बॉलीवुड फिल्म के निर्माण से कम बजट खर्च किया गया। यही नहीं इस मिशन में बड़ी संख्या में महिलाएं और हर क्षेत्र में भागीदारी के महत्व को रेखांकित करता है। इस बड़ी सफलता की क्या मायने और महत्व हैं? तथा भारत के साथ-साथ विश्व भर के देशों को इसके क्या-क्या फायदे होंगे यह आने वाला समय ही तय करेगा लेकिन इस बड़ी कामयाबी के बाद देश के वैज्ञानिकों का जो उत्साहवर्धन हुआ है वह अवश्य ही देश को बुलंदियों की ओर लेकर जाएगा। आज की इस सफलता के समय हमें सिर्फ उन वैज्ञानिकों का आभारी ही नहीं होना चाहिए जो इस मिशन का हिस्सा रहे हैं इसरो के संस्थापक और महान अंतरिक्ष विज्ञानी साराभाई को भी नमन करना चाहिए जिन्होंने भारत के लिए अंतरिक्ष में उड़ान की पहली सोच का बीजारोपण किया अंतरिक्ष में भारत की वर्तमान उड़ान ने भावी भविष्य की उम्मीदो के पर लगा दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल इस सफलता के बाद ही ऐलान कर दिया है कि अब मिशन सूर्य की तैयारी है। यह सच है आज का भारत नया भारत है और उसके हौसले इतने बुलंद है कि उसे अब किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने से कोई ताकत नहीं रोक सकती है सफलता से भावी भविष्य की संभावनाओं के द्वार खुलते हैं भारत की इस बड़ी सफलता से देश को ऐसी ही उम्मीदें हैं। कल इस सफलता पर पूरा देश जश्न मना रहा था इसका भी एक संदेश पूरे विश्व देशों मैं गया है वह है एक महाशक्ति के रूप में उभरते भारत की समग्र एकता और एक जुटता का संदेश। आने वाले 14 दिन अगर यह मिशन सफलता के साथ जारी रहता है तो निश्चित ही चंद्रमा के अनेक रहस्यों की जानकारी देश और पूरे विश्व को मिल सकेगी जिसकी उपयोगिता का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है।

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