पुरानी बेइज्जती का बदला लेने के लिए किया था दोहरा हत्याकाण्ड

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देहरादून। बहन को भगाने व उनकी बेइज्जती करने से आक्रोशित साले ने अपनी ही बहन व उसके पति की हत्या कर दी। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
आज यहां इसकी जानकारी देते हुए डीआईजी/एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि बीती 13 जून थाना क्लेमेन्टाउन को सूचना प्राप्त हुई थी कि टर्नर रोड स्थित एक घर से काफी बदबू आ रही है। सूचना पर थानाध्यक्ष क्लेमेंट टाउन मौके पर गए तो पाया कि टर्नर रोड में उक्त मकान में काशिफ पुत्र मोहतशिम निवासी चहलोली सहारनपुर अपनी पत्नी अनम के साथ पिछले 4 महीने से निवास कर रहा था, जिसके कमरे के दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था। मौके पर दरवाजे खोला गया तो कमरे में पति—पत्नी की बॉडी पड़ी थी, जो दो तीन दिन पुरानी लग रही थी। दोनों मृतकों के बीच में एक छोटा बच्चा जो चार—पांच दिन का था, वह जीवित था जिसे अस्पताल पहुंचाया गया। मृतक के परिजनों से जानकारी मिली कि मृतक की एक साल पहले ही दूसरी शादी हुई थी तथा पहली पत्नी से उसका एक 5 साल का बच्चा है। पहली पत्नी नुसरत ने बताया कि पिछले दो—तीन दिन से उसके पति फोन नहीं उठा रहे थे और फिर उनका फोन बंद हो गया तो 13 जून को वह उक्त मकान पर आई, लेकिन जब उनके दरवाजे बंद मिले तो उसके द्वारा अपने सास व देवर को इस सम्बन्ध में बताया गया। उनके द्वारा मृतक के परिचित अशवद को सूचना देकर बुलाया, जिसके द्वारा मौके से पुलिस को सूचना दी गई। परिजनों द्वारा द्वारा बताया गया कि मृतक काशिफ से उनकी आखिरी बार बात 10 जून को रात्रि लगभग 11ः00 साढे ग्यारह बजे हुई थी। प्रथम दृष्ठया मृतक के परिजनों द्वारा दोनों का आत्महत्या करना बताया गया था तथा किसी पर भी कोई शक नहीं जताया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच जारी रखी। जांच में पता चला कि 12/13 जून की रात्रि एक सफेद रंग की कार घटनास्थल पर आती—जाती देखी गई थी। उसके बारे में पता चला कि उक्त वाहन अशवद का है। जिसके द्वारा पुलिस को सूचना दी गयी थी। अशवद ने बताया कि उसकी कार 12 /13 की रात्रि को सहवाज लेकर गया था, जब उसके द्वारा शहवाज को रात्रि डेढ बजे लगभग फोन किया तो उसका फोन बंद आ रहा था और फिर वह उसी रात में सुबह चार बजे वापस आ गया था। जिसने बताया कि वह छुटमलपुर पार्टी में गया था, जिस पर मृतकों के परिजनों द्वारा मृतका अनम के भाई शहवाज पर शक जताया गया। शहवाज ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि दिनांक 10 जून की रात उसने आशिफ व अपनी बहन अनम की हत्या की है। जिसकी निशानदेही पर पुलिस द्वारा घटना के समय द्वारा पहने गये खून लगे कपड़े आशारोड़ी के जंगल से बरामद किये गये। पूछताछ में शहवाज ने बताया कि उसकी बहन ने आशिफ के साथ भागकर शादी की थी जिससे उनकी गांव में बहुंत बेइज्जती हुई थी। उसके बाद से ही वह आशिफ व अनम को मारने की फिराक में था। घटना वाले दिन वह उन दोनों को मारने के लिए ही आया था तथा मौका मिलते ही उसने पहले आशिफ की चाकू से गोदकर हत्या कर दी तथा बाद में अनम का गला दबाकर उसकी हत्या कर वह वहां से कमरे में ताला लगाकर भाग गया था।

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