मोदी के नाम व केंद्र के काम भरोसे भाजपा

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भाजपा सरकार की 5 साल की उपलब्धियां शुन्य
विकास के मुद्दे पर फेल साबित हुई बंपर बहुमत वाली सरकार

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में फिर बंपर जीत और सत्ता में बने रहने का दावा करने वाले भाजपा के मंत्री और विधायकों के पास अपने काम और उपलब्धियों के नाम पर कुछ भी नहीं है यही कारण है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और केंद्र सरकार के कामों को ही अपनी उपलब्धि बताकर जीत का सपना देख रहे हैं।
विधानसभा चुनाव 2022 के प्रचार अभियान में भाजपा के नेताओं को आपने अब की बार 60 पार का नारा देते हुए देखा होगा। प्रदेश भाजपा के नेता किस के दम पर 60 पार का नारा लगा रहे हैं? अगर उनसे यह पूछा जाए तो भाजपा का कोई भी मंत्री या विधायक अपने क्षेत्र में किए गए पांच काम भी नहीं गिना सकता है कि उसने 5 साल में अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास के ऐसे पांच काम भी किए हो जिसके दम पर वह अपनी जीत का दावा कर सकें। और तो और भाजपा की प्रदेश सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल के पांच ऐसे बड़े विकास कार्य नहीं गिना सकती जिसे उसकी उपलब्धि माना जा सके। अगर इस बंपर बहुमत और डबल इंजन वाली सरकार के थोड़े बहुत काम भी होते शायद भाजपा को 6 माह में दो बार मुख्यमंत्री बदलने की जरूरत शायद न पड़ी होती और न प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह तथा जेपी नड्डा सहित पूरी केंद्रीय टीम को चुनाव प्रचार में यूं पसीना बहाना पड़ता।
2017 के चुनाव में जनता ने भाजपा को मोदी के नाम पर 57 सीटें क्या दे दी भाजपा के विधायक और मंत्रियों ने यह मान लिया कि अब उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। और हुआ भी वही भाजपा की इस सरकार ने या तो कुछ किया नहीं और किया भी तो इतना उल्टा पुल्टा किया कि उसे खुद ही अपने फैसलों को वापस लेना पड़ा, जिससे सरकार की खूब किरकिरी हुई और उसके पास उपलब्धि के नाम पर सिर्फ घसियारी योजना के अलावा कुछ नहीं बचा। पुष्कर सिंह धामी जिन्हें चंद अंतिम महीनों के लिए सीएम बनाया गया वह योजनाओं की घोषणाओं और शिलान्यासों के सिवाय और कर भी क्या सकते थे इतने कम समय में, और उन्होंने किया भी वही।
ऐसी स्थिति में भाजपा के पास ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन, दून दिल्ली हाईवे, हर घर नल घर घर जल, वन रैंक वन पेंशन, मुफ्त राशन, मुफ्त टीका और शौचालय व उज्जवला योजना, ऐम्स और मेडिकल कॉलेज इसके सिवाय अगर कुछ था तो वह सैन्य धाम है वह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक आईडिया तथा केदारनाथ धाम का नवनिर्माण। क्या राज्य सरकार या उसके मंत्री और विधायक यह बता सकते हैं कि उसने जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ा उसमें राज्य सरकार का क्या था? फिर किस मुद्दे पर वह 60 पार का नारा लगा रहे थे। सच यही है कि राज्य के भाजपाई नेता और भाजपा को सिर्फ पीएम मोदी के नाम और केंद्र सरकार के काम का ही सहारा है जिसके दम पर वह बड़ी—बड़ी बातें कर रहे हैं। अगर भाजपा इस चुनाव में जीत कर सत्ता तक पहुंचती है तो इसमें किसी भी सूबाई नेता का कोई करिश्मा नहीं होगा वह मोदी के नाम व केंद्र सरकार के काम की ही जीत होगी।

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