लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 3 साल में हुई प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री चैक की जाएंगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के निबंध ( रजिस्ट्री ) विभाग ने जांच का आदेश जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले ने गलत ढंग से रजिस्ट्री करने वालों में हड़कंप मच गया है । आपको बता दे की हाल ही में उत्तर प्रदेश में स्टांप पेपर का बड़ा फर्जीवाडा पकड़ा गया है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया व कुशीनगर के रहने वाले आरोपितों के पास से पुलिस ने स्टांप छापने वाली मशीन, एक करोड़ 52 लाख 30 हजार रुपये के फर्जी स्टांप के साथ ही यूपी, बिहार के गैर न्यायिक स्टांप, रसीदी टिकट आदि बरामद किए थे। यही नहीं, इन आरोपितों के पास से ब्रिटिश काल के भी स्टांप का एक बंडल पाया गया था। इनमें ज्यादातर 25 पैसे, 50 पैसे के स्टांप शामिल थे। आशंका जताई जा रही है कि जालसाजों की ओर से इनका इस्तेमाल बड़े शहरों की काफी पुरानी कीमती संपत्तियों को लेकर न्यायालयों में चलने वाले वादों को उलझाने या इनमें अपना पक्ष मजबूत करने के लिए फर्जी वसीयत बनाने में किया जाता होगा। इस मामले में अब तक आठ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। एआइजी स्टांप प्रदीप राणा ने कहा कि शासन की ओर से तीन साल पहले तक हुई उन सभी संपत्तियों की रजिस्ट्री के जांच के आदेश हुए है जिनमें भौतिक स्टांप का प्रयोग हुआ है। यद्यपि, इनकी संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। पहले ऐसी रजिस्ट्री की सूची तैयार की जाएगी फिर एक-एक स्टांप के नंबर जांचे जाएंगे और उसकी अलग सूची बनाई जाएगी। फिर इसे कोषागार कार्यालय को भेजा जाएगा, जिससे पता चलेगा कि संबंधित नंबरों वाले स्टांप वहां से ही जारी किए गए हैं या नहीं।