June 25, 2024नैनीताल। बाजपुर निवासी भाजपा नेता का शव टे्रन में मिलने से सनसनी फैल गई। आशंका जताई जा रही है कि हार्टअटैक के चलते उनकी मौत हुई होगी। रेलवे पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।जानकारी के अनुसार सोमवार को बरेली से चलकर काशीपुर तक आने वाली पेसेंजर डेमो ट्रेन के लालकुआ पहुंचने पर नियमित जांच के दौरान रेलवे पुलिस ने ट्रेन के डब्बे से एक व्यक्ति का लावारिस अवस्था मे शव बरामद किया है। जिसकी सूचना रेलवे ने स्थानीय पुलिस को दी है। मरने वाले की पहचान अनिल कुमार जोशी 63 वर्ष निवासी बाजपुर उतराखण्ड के रूप में हुई हैं। अनिल जोशी भाजपा के नेता बताये जा रहे है। पुलिस ने शव का पंचनामा भर शव को हल्द्वानी पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। प्रथम दृष्टीय व्यक्ति की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से होना प्रतीत हो रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
June 24, 2024आम जनता के लिए जन्म—मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया अत्यन्त सरल बनाने के दिए निर्देश देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने जाली प्रमाण पत्रों के मामले में कडी कार्यवाही के साथ ही आम जनता के लिए जन्म—मृत्यु पंजीकरण की प्रव्रिQया सरल बनाने के निर्देश दिये।आज यहां मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जाली प्रमाण—पत्रों के मामलों में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सीएस ने आम जनता के लिए जन्म—मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया अत्यन्त सरल बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि आमजन को प्रमाण पत्र हेतु इधर उधर न भटकना पड़े। श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को हिदायत दी कि जन्म—मृत्यु प्रमाण पत्र भारत सरकार व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे स्कूल में दाखिला लेने, विधवा पेंशन प्राप्त करने, जीवन बीमा की राशि प्राप्त करने आदि के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जिसे प्राप्त करने के लिए कभी कभी परिवार जालसाजों के झांसे में आकर मोटी धनराशि के बदले जाली प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेते हैं तथा बाद में उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त जन्म मृत्यु पंजीकरण की भारत सरकार की अधिकारिक वेबसाइट से बहुत सी मिलती जुलती जाली वेबसाइट के मामले भी संज्ञान में आए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आम जनता से भी अपील की है कि जनता इस प्रकार के जालसाजों से सचेत रहे तथा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार से ही संपर्क करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा जन्म—मृत्यु पंजीकरण के फर्जी मामलों की रोकथाम तथा आम जनता हेतु पंजीकरण प्रक्रिया को सरल एवं सुदृढ़ बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा एक नया सुदृढ़ पोर्टल लॉंच कर दिया गया है। इसके माध्यम से परिवार का कोई भी सदस्य पोर्टल पर अपनी आई डी बनाकर परिवार में होने वाले जन्म या मृत्यु के पंजीकरण के लिए घर बैठे ही आवेदन कर सकता है। इसके लिए उसे केवल एक ईमेल एवं एक मोबइल नंबर की आवश्यकता होगी। आवेदन पश्चात् आवेदक किसी भी समय अपने आवेदन की स्थिती को भी देख सकता है। सम्बंधित रजिस्ट्रार द्वारा आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों से संतुष्ट होने पर आवेदन को स्वीकार कर लिया जाता है तथा डिजिटल प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। जारी किये गए इस डिजिटल प्रमाण पत्र की एक प्रति आवेदक द्वारा दिए गए ईमेल आई डी पर भी तत्काल ही उपलब्ध हो जाती है, जिसे वह किसी भी समय डाउनलोड कर उसका उपयोग कर सकता है। मुख्य सचिव द्वारा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि चूँकि यह कार्य आम जनता के लिए ही है अतः जनता के बीच इसका उचित प्रचार प्रसार आवश्यक है, जिसके लिए संबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य में चल रहे जन्म —मृत्यु पंजीकरण कार्य की सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा की। बैठक में प्रमुख सचिव, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जनगणना निदेशक, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा स्वास्थ्य निदेशालय, पंचायती राज, राजस्व विभाग, शहरी विकास, उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल, अर्थ एवं संख्या निदेशालय एवं जनगणना कार्य निदेशालय, भारत सरकार आदि के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
June 24, 2024चारधाम यात्रियों को सतर्कता बरतने के निर्देश 27—28 और 30 जून को अतिवृष्टि भी संभव राज्य में 30 जून से आ जाएगा मानसून देहरादून। बीते 4—5 दिनों से राज्य के अलग—अलग हिस्सों में हो रही बारिश के कारण तापमान में बड़ी गिरावट आ गई है और गर्मी से लोगों को राहत मिली है। राज्य में अभी मानसून नहीं आया है लेकिन प्री मानसूनी बारिश के कारण पहाड़ का मौसम बदल चुका है। आज सुबह से राजधानी दून सहित नैनीताल अल्मोड़ा और बागेश्वर में झमाझम बारिश हो रही है।मौसम विभाग द्वारा आने वाले दिनों में राज्य के कई जिलों में खास तौर पर कुमाऊँ मंडल में भारी से भी भारी बारिश होने की संभावना जतायी गयी है। जिसके मद्देनजर पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी। राज्य के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ चंपावत और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है वही चमोली रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी सहित पूरे राज्य में 27—28 जून को कहीं सामान्य तो कहीं हल्की बारिश हो सकती है।सभी जिला अधिकारियों को इस दौरान सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। क्योंकि इस दौरान रास्तों के बाधित होने तथा भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालत पैदा हो सकते हैं। हालात पर नजर रखने को कहा गया है वहीं चारधाम यात्रा मार्गों पर विशेष रूप से सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं जिससे किसी भी आपदा के समय कम से कम समय में प्रभावितों तक मदद पहुंचाई जा सके।राज्य में बदले मौसम के कारण तापमान 34 से 37 डिग्री के बीच बना हुआ है जो अभी कुछ दिन पूर्व 40 और 43 डिग्री तक पहुंच गया था राज्य में 30 जून तक मानसून पहुंचने की संभावना जताई गई है लेकिन एक सप्ताह पूर्व शुरू हुई प्री मानसूनी बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया है।
June 24, 2024देहरादून। अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि सूख रहे जलस्रोतों, नदियों एवं जलधाराओं का शीघ्रातिशीघ्र चिन्हीकरण कराते हुए उपचारात्मक कार्य शीघ्र शुरू किए जाएं।आज यहां अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण (एसएआरआरए) उत्तराखण्ड की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति (एसएलईसी) की प्रथम बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि एसएआरआरए के गठन के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए सभी सम्बन्धित विभाग आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रस्तावों को समिति से स्वीकृत कराने से पूर्व सभी सम्बन्धित विभागों को इसके प्रस्ताव भेज कर विभागों से टिप्पणियां ले ली जाएं। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सूख रहे जलस्रोतों, नदियों एवं जलधाराओं का शीघ्रातिशीघ्र चिन्हीकरण कराते हुए उपचारात्मक कार्य शीघ्र शुरू किए जाएं। उन्होंने कहा कि परियोजना के मूल्यांकन के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए, साथ ही, मूल्यांकन एवं निगरानी के लिए समर्पित स्टॉफ की तैनाती की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य एवं जिला स्तर पर प्राधिकरण के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों का श्रेणीकरण करते हुए प्रत्येक वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक कार्ययोजना अगले एक माह में तैयार कर प्रस्तुत की जाए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि योजना को सफल बनाए जाने हेतु जन जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आमजन में वर्षाजल को संरक्षित कर नदियों एवं जलस्रोतों के पुनर्जीवन के लिए आमजन में जन—जागरूकता सहित सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने परियोजनाओं के लिए जनपदों को समय पर बजट आबंटित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने योजनाओं के ससमय क्रियान्वयन के लिए कैलेण्डर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। बैठक के दौरान समिति द्वारा प्रथम चरण में दीर्घावधिक उपचार हेतु प्रदेश की 5 नदियों सौंग (देहरादून—टिहरी), पूर्वी एवं पश्चिमी नयार (पौड़ी), शिप्रा (नैनीताल) एवं गौड़ी (चम्पावत) को चयनित किया गया। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती नीमा ग्रेवाल ने बताया कि प्रदेश में अप्रैल 2024 से अगस्त 2024 तक जल संरक्षण अभियान आयोजित किया जा रहा है, साथ ही 10 जून से 16 जून 2024 तक जल उत्सव सप्ताह का भी आयोजन किया गया था। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में उपचार हेतु अभी तक कुल 5428 जलस्रोत चिन्हित किए गए हैं। इस अवसर पर राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति के सदस्यों सहित सम्बन्धित विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
June 24, 2024संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सर्तकता बरतेःअंशुमानदेहरादून। कांवड मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने तैयारियां कर ली है जिसके चलते अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने सभी जनपद प्रभारियों को निर्देश किया है कि संवेदनशील मौहल्लों कस्बो पर विशेष सर्तकता बरती जाये।आज एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी एवं पुलिस अधीक्षक, रेलवेज के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक आहूत कर आगामी कांवड़ मेला को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु जनपदों द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा की गयी। अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, द्वारा आगामी कांवड़ मेला—2024 के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि जनपद प्रभारी, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी एवं देहरादून को कावंड़ मेला हेतु डयूटी स्थलों का चयन कर नियुक्त किये जाने वाले पुलिस बल का आंकलन किये जाने के निर्देश दिये गये। सम्पूर्ण कांवड़ मेला क्षेत्र को जोन, सेक्टरों में विभत्तQ कर उनमें पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की नियुत्तिQ की जाये। कावंड़ मेले के दौरान पूर्व में घटित हुई घटनाओं/यातायात आदि के सम्बन्ध में उजागर हुई समस्याओं का अवलोकन कर उनके निराकरण के सम्बन्ध में अभी से ही पूर्ण कार्यवाही करायी जाये। पूर्व में कावंड़ मेले के बोटलनेक्स प्वाईट पर नियुक्त अधिकारियों से फीड बैक लेकर उसके अनुरुप समस्याओं का निराकरण कराते हुए सुरक्षा/यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। इन्टर स्टेट बैरियरों, बस/रेलवे स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को चैक कराकर सुनिश्चित कर लिया जाये कि वह सभी क्रियाशील हो। उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशील स्थलों पर विशेष सावधानी बरती जाये तथा सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे पीए सिस्टम की व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था एवं साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने हेतु विशेष रुप से कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों तथा साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील कस्बों/मौहल्लों/ग्रामों में विशेष सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिये गये।
June 24, 2024नई दिल्ली। सरकार ने खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसर और बड़ी श्रृंखलाओं के खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा लगा दी है। कीमतों में स्थिरता और जमाखोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को कहा कि एकल खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता, प्रोसेसर और थोक विक्रेता हर शुक्रवार को अपने पास भंडारित गेहूं के स्टॉक का खुलासा करेंगे। चोपड़ा ने कहा, ”मैं देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि अभी गेहूं के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, ”हम चाहते हैं कि गेहूं की कीमतें स्थिर रहें।” चोपड़ा ने आगे बताया कि थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन होगी, जबकि यह प्रोसेसर के लिए यह प्रसंस्करण क्षमता का 70 प्रतिशत होगी। उन्होंने बताया कि बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन प्रति बिक्री केन्द्र की होगी, जिसकी कुल सीमा 3,000 टन होगी तथा एकल खुदरा बिक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन की होगी। चोपड़ा ने बताया कि हाल ही में मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर स्टॉक सीमा लगाई गई है, जिनमें कहा गया है कि गेहूं सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि जमाखोरी को कम करने के लिए स्टॉक सीमा लगाई गई है। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल, 2023 को गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख टन था, जबकि एक अप्रैल, 2024 को यह 75 लाख टन था। उन्होंने कहा कि पिछले साल 266 लाख टन की खरीद की गई थी, जबकि इस साल सरकार ने 262 लाख टन की खरीद की है और खरीद अभी भी जारी है। इसलिए (शुरुआती स्टॉक में) गेहूं की कमी सिर्फ तीन लाख टन की है।