स्कूल गुलजार, बच्चे खुश

0
423

पहले दिन उपस्थिति रही बेहद कम
स्कूल जाने को परिवार का सहमति पत्र जरूरी
देहरादून। सवा साल से कोरोना की मार झेल रहे राज्य के छात्र—छात्राओं को आज स्कूल जाने का मौका मिला तो उनके चेहरों पर खुशी की लहर थी। आज से राज्य में नौवीं से बारहवीं तक स्कूलों को खोल दिया गया है। हालांकि आज पहले दिन छात्र—छात्राओं की संख्या 10 से 30 प्रतिशत तक रही, लेकिन इस दौरान स्कूलों द्वारा कोविड की गाइडलाइनों का सख्ती से अनुपालन कराया गया।
सरकार द्वारा तीसरी लहर की आशंकाओं के कारण चरणबद्ध तरीके से स्कूल—कॉलेजों को खोलने का निर्णय लिया गया है। अभी राज्य के कालेजों और प्राइमरी स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई। अभी सिर्फ कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूलों को खोला गया है। अगर सब कुछ सामान्य रहता है तो 6 से 8वीं तक के स्कूल और कॉलेजों को खोलने का निर्णय अगले चरण में तथा सबसे अंत में प्राइमरी व नर्सरी स्कूल खोले जाएंगे। सरकार ने पहले 6 से बारहवीं तक के स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया था लेकिन बाद में इसे बदल दिया गया था।
राज्य में नौवीं से बारहवीं तक के कुल 1354 स्कूल हैं जिनमें तीन लाख से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं सैनिटाइजिंग से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क तो जरूरी है ही साथ ही स्कूलों में प्रार्थना सभा व खेलो आदि पर भी अभी पाबंदी रखी गई है। खास बात यह है कि स्कूल प्रशासन व अभिभावकों तथा शासन की वार्ता के बाद यह भी व्यवस्था की गई है कि अगर मां—बाप अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं तो उन्हें इसकी छूट होगी। जो बच्चे स्कूल आएंगे उन्हें परिजनों का अनुमति पत्र आवश्यक रूप से लाना होगा। आज ऐसे कई बच्चों को स्कूल से वापस घर भेज दिया गया जो अनुमति पत्र नहीं लाए थे। बच्चों को स्कूल में भोजन की अनुमति नहीं है। लंबे समय बाद स्कूल पहुंचे इन बच्चों के चेहरे खुशी से खिले हुए थे। उनका कहना है कि घर पर रहकर इतनी बेहतर पढ़ाई हो ही नहीं पाती है जितनी स्कूल आने से होती है। लंबे समय से घरों में कैद बच्चों को स्कूल आने का मौका मिला तो वह खुश नजर आए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here