उत्तराखंड से अबकी बार कौन बनेगा मंत्री?

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सभी प्रत्याशी उम्मीद लगाए बैठे हैं
सभी की दावेदारी के अपने ठोस तर्क

देहरादून। उत्तराखंड भाजपा ने लगातार तीसरी बार राज्य की सभी पंाच सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। केंद्र से मोदी सरकार के डबल इंजन सरकार के फार्मूले का भले ही किसी राज्य में उतना फायदा मिला हो या न मिला हो मगर उत्तराखंड सरकार को भरपूर सहयोग मिला है। राज्य के नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में उचित स्थान मिलता रहा है। इस बार विजयी सभी पांच सांसदों में सभी अब यह अपेक्षा लगाए बैठे हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलना चाहिए। किंतु वर्तमान स्थिति में यह संभव होता है या नहीं यह आने वाला समय ही बताएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद महेंद्र भटृ इस सफलता पर गदगद है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच कमल पुष्प समर्थित किए हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष कृपा के वह तथा राज्य दोनों ही हकदार हैं। राज्य में चल रही सभी विकास योजनाओं पर अब और अधिक तेजी से काम होना चाहिए तथा राज्य को मंत्रिमंडल में भी वैसे ही उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए जैसे पहले दो कार्यकाल में मिलता रहा है। दोनों बार उत्तराखंड से एक—एक राज्य मंत्री और एक मंत्री पद मिलता रहा है। पहली बार दलित कोटे से अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को राज्य मंत्री बनाया गया और उसके बाद उन्हें पर्यटन राज्य मंत्री भी बनाया गया। वही रमेश पोखरियाल निशंक को भी पहले एचआरडी विभाग में जोड़ा गया और फिर शिक्षा राज्य मंत्री बनाया उन्हें हटाए जाने के बाद अजय भटृ को रक्षा राज्य मंत्री बनाया गया था।
लेकिन इस बार परिस्थितियों पहले से भिन्न है। भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। इसलिए एनडीए के सहयोगी दलों का दबाव भी बढ़ गया है दूसरा संख्या बल भी अत्यंत कम हो गया है जिसका सीधा असर मंत्रिमंडल पर पढ़ना तय है। इसलिए राज्य से कोई मंत्री बन भी पाएगा या नहीं यह जरूरी नहीं है। लेकिन उम्मीद पर सभी कायम है और अभी तो यह भी तय नहीं है कि मोदी इस हालत में सरकार बनाएंगे भी या नहीं। मंत्री बनना तो बाद की बात है जबकि विजयी सभी प्रत्याशी अपनी दावेदारी के ठोस तर्क पेश कर रहे हैं।

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