उत्तराखंड में सख्त भू कानून आंदोलन यात्रा का शुभारंभ 10 कोः ऐरी

0
472

देहरादून। उत्तराखंड में भू कानून लागू करवाने के लिए उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन यात्रा को समर्थन दिया है। प्रदेश में उत्तराखंड सख्त भूकानून आंदोलन यात्रा का शुभारंभ 10 दिसंबर को सीएम आवास के समक्ष लचर कानून के विरोध के साथ शुरू होगी।
आज प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल राज्य बनने से पहले राज्य की जमीन को बचाने की बात करते आया है। धारा 371 विभिन्न राज्यों में अलग अलग प्रावधानों को लेकर लागू है। कहा कि दल का यही मानना है कि धारा 371 के अंतर्गत कड़े प्रावधान बनाकर राज्य कीे जमीन बचाने के लिए कड़ा भू—कानून लागू किया जाए। हमारी मांग पूर्व से रही है और आज भी है। ऐरी ने कहा कि इसीलिए दल ने उतराखंड सख्त भूकानून अन्दोलन यात्रा का समर्थन किया। जो सिविल सोसाइटी के प्रभात कुमार द्वारा 10 दिसम्बर से उतराखंड के 13 जिलों में सख्त भू कानून की मांग को ले कर प्रचंड यात्रा होने जा रही हैं। ऐरी ने घोषणा की कि प्रदेश में दल की सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर पहली कलम सख्त भू कानून लागू करने को चलेगी।
प्रभात कुमार ने बताया कि यह यात्रा 10 दिसम्बर से मुख्यमंत्री आवास से प्रारम्भ होगी और चकराता, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, अल्मोड़ा, चंपावत, टनकपुर, खटीमा होते हुए हल्द्वानी, हरिद्वार, वापस देहरादून गांधी पार्क पर समापन होगा। कहा कि यात्रा प्रचंड होगी क्योंकि आन्दोलन पुराने लचर भू कानून के विरोध में 13 जिलो में चलाया जाएगा। उक्रांद के इस यात्रा से जुड़ने से सख्त भू—कानून आंदोलन यात्रा की जा जानी है जो एक हजार किलोमीटर यात्रा का समर्थन जनपदों में दल के जिलाध्यक्ष जनपदों मे करेंगे।
कहा कि उतराखंड की जनता 21 साल से जिन राष्ट्रीय दलों की शोषण और भ्रष्टाचार में लिप्त राजनीति का शिकार हुई हैं उससे निकलने में जनता उतराखंड क्रांति दल को 2022 के चुनावों में उत्तराखंड का विकल्प मान रही है। उक्रांद ने सख्त भू कानून अन्दोलन यात्रा में 13 जिलों के अपनी संगठन की ताकत को झोंकने पूर्ण रूप से समर्थन कर दिया हैं। यात्रा का मकसद उतराखंड की जनता को भूकानून को ले कर जागरूक करना है। जनता 2022 के चुनावों में इस को बड़ा मुद्दा मान रही हैं।
इस अवसर पर बीडी रतूड़ी, हरीश पाठक, चंद्र शेखर कापड़ी, किशन मेहता, सुनील ध्यानी, विजय बौडाई, शिव प्रसाद सेमवाल, राजेंद्र बिष्ट, डॉ वी के ओली अनिरुद्ध काला, राहुल गाड़िया, सिविल सोसाइटी की पूजा चमोली, सीमा रावत आदि थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here