मंत्री आवास घेरने निकले उपनल कर्मियों की पुलिस से नोक झोंक

0
198

  • सरकार को दी आर या पार की चेतावनी
  • पुलिस ने कनक चौक पर रोका
  • सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप

देहरादून। बीते 4 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे उपनल कर्मियों को आज पुलिस ने मंत्री आवास का घेराव करने से रोका तो उनकी पुलिस के साथ तीखी नोंक झोंक हो गई। कर्मचारियों ने सरकार पर दमनात्मक रवैया अपनाने और अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा।
उपनल कर्मियों का कहना है कि बीते वर्ष जब उन्होंने अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन किया था तब मंत्री गणेश जोशी उनके बीच आए थे और उन्होंने उनकी मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। बीते 4 दिनों से उनका धरना प्रदर्शन चल रहा है लेकिन अब वह कर्मचारियों से बात तक करने के लिए तैयार नहीं है। आज जब कर्मचारियों ने उनके आवास पर जाकर अपनी बात कहने की कोशिश की तो पुलिस द्वारा उन्हें बलपूर्वक रोक दिया गया है। उनका कहना है कि सत्ता में बैठे लोग दमनात्मक रवैया अपना रहे हैं। लेकिन अब उनका यह आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक उनकी मांगों को माना नहीं जाएगा।
आज सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव करने के लिए हजारों की संख्या में उपनल कर्मी परेड ग्राउंड में जमा हुए जहां से वह मंत्री आवास घेरने के लिए निकले तो उन्हें कनक चौक पर ही पुलिस ने वेरिकेटिंग कर रोक दिया गया। इस दौरान कर्मचारियों के साथ पुलिस की तीखी नोकझोंक भी हुई लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया तो वह वहीं धरने पर बैठ गए और घंटो सरकार और मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की।
उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के बाद विभिन्न विभागों में 25000 से अधिक कर्मचारी अस्थाई तौर पर रखे गए थे जिन्हें नियमित करने का आदेश हाईकोर्ट भी दे चुका है। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ इन्हें नियमित करने की असमर्थता जताते हुए सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एसपीएल दायर की है। जिसे लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है। हालांकि उनकी अन्य 10 मांगे हैं लेकिन नियमतिकरण और समान काम समान वेतन की मांगे सबसे प्रमुख है। उधर आज पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी उपनल कर्मियों के समर्थन में अपने आवास पर एक घंटे का मौन रखा। उनका कहना है कि जीवन भर काम करने के बाद अब यह कर्मचारी कहां जाएंगे हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही इन्हें नियमित कर देना चाहिए था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here