लखनऊ। यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह राजीव कृष्ण को भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई है। यूपी में 60 हजार से ज्यादा सिपाही भर्ती में 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पेपर लीक के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी। सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में चूक और एफआईआर दर्ज कराने में लापरवाही के चलते डीजी भर्ती बोर्ड अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाया गया है। उन्हें फिलहाल वेटिंग में रखा गया है। परीक्षा रद्द होने के बाद से भर्ती बोर्ड की इंटर्नल असेसमेंट कमेटी रिपोर्ट नहीं दे पाई थी और ना ही मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण को भर्ती बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं, आरओ/ आरओए भर्ती परीक्षा में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आंतरिक जांच के बाद परीक्षा नियंत्रक को हटाया था और एफआईआर भी दर्ज करवा दी थी।
यूपी पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड ने 17 व 18 फरवरी को भर्ती परीक्षा कराई थी। पेपर लीक होने के बाद शासन ने इस परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया। शासन ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश दिए है कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। शासन ने प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराये जाने का निर्णय लिया है, दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों अथवा संस्थाओं के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई किये जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया है। जीरो टॉलरेंस के तहत घटना में शामिल अपराधियों पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई होगी। पुलिस आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई भी कर सकती है।