पर्यटक कर सकेंगें आज से `फूलों की घाटी’ के दीदार

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चमोली। विश्व विख्यात और यूनेस्को की विश्व धरोहर फूलों की घाटीे पर्यटकों के लिए आज से खुलने जा रही है। फूलों की घाटी एक जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी और पर्यटकों का स्वागत करेगी।
चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी है। बताया जाता है कि यहां पर प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी जैव विविधिता का खजाना है। इस घाटी को वर्ष 1982 में राष्ट्रीय उघान घोषित करने के बाद यूनेस्को ने 2005 में इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा दिया था। यहां देखने के लिए सबसे खूबसूरत फूल ब्रह्म कमल है, जिसे उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है। पूरी घाटी दुर्लभ और विदेशी हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार विभागीय स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बताया कि समुद्रतल से 3962 मीटर ऊंचाई पर यह घाटी 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में आती है। घाटी की खोज वर्ष 1932 में ब्रिटिश पर्वतारोही व वनस्पति शास्त्री फ्रैंकस्मित ने की थी। वर्ष 1937 में फ्रैंकस्मित ने वैली आफ फ्लावर नामक पुस्तक लिखकर अपने अनुभवों को दुनिया के सामने रखा। फूलों की घाटी में 17 किलोमीटर लंबा ट्रेक है, जो 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित घांघरिया से शुरू होता है। जोशीमठ के पास एक छोटी सी बस्ती गोविंदघाट से ट्रेक के जरिये पहुंचा जा सकता है। फूलों की घाटी में प्रवेश करने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय उघान की ओर से ऑफलाइन माध्यम से अनुमति दी जाती है।

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