मोदी 8 जून को ले सकते हैं शपथ

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  • नायडू व नीतीश बिना शर्त किसी के साथ नहीं
  • एनडीए व इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक जारी

नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। लेकिन सरकार किसकी बनेगी यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही खेमे के नेताओं में सरकार गठन को लेकर विचार मंथन जारी है। आज इंडिया और एनडीए दोनों के नेताओं ने दिल्ली में बैठक बुलाई है। भाजपा जो सबसे बड़े दल के रूप में सामने आया है और एनडीए सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरा है के द्वारा ऐसी सरकार बनाने जो शर्तों के आधार पर बनी हो, रुचि नहीं दिखाई जा रही है। वहीं कांग्रेस (इंडिया) जो बहुमत के आंकड़े से लगभग 38 सीटें पीछे हैं, सरकार बनाने के लिए चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जो किंग मेकर की भूमिका में आ गए हैं पर भरोसा करने में हिचक रही है।
जानकारी के अनुसार बीजेपी जल्द सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही है और 8 से 10 जून के बीच नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। लेकिन इससे पूर्व वह अपने सभी दलों के नेताओं को ठोक बजाकर देख लेना चाहते हैं। भले ही वह एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़े हो लेकिन टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू और जदयू के नेता नीतीश कुमार ने सरकार व मंत्रिमंडल में अपना लोकसभा स्पीकर और गृहमंत्री तथा रक्षा मंत्री बनाए जाने की शर्तें रखी गई है। भाजपा को यह शर्तें स्वीकार होगी तभी एनडीए की सरकार केंद्र में बना पाना संभव है। उधर सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि इंडिया के नेताओं ने इन दोनों से संपर्क साध रखा है। आज एनडीए के अन्य नेताओं की तरह वह भी दिल्ली आ रहे हैं।
उधर इंडिया गठबंधन का कहना है कि सरकार तो उनकी भी बन सकती है लेकिन इन महीन संभावनाओं पर कोई बड़ा राजनीतिक दांव नहीं खेला जा सकता है। बिना शर्त तो नीतीश कुमार और न ही चंद्रबाबू नायडू भी इंडिया के साथ आ सकते हैं। अगर इंडिया के नेताओं को उनकी शर्ते भी मंजूर नहीं हुई तो फिर कांग्रेस के लिए भी सरकार को चलाना और संतुलन साधना उतना ही मुश्किल होगा जितना बीजेपी और मोदी को होगा। इन दोनों ही गठबंधनों की बैठकों के बाद ही साफ हो सकेगा कि किसकी सरकार बनने वाली है इन चुनावी नतीजो के बाद यह साफ हो गया है कि अब न तो सरकार बनाना किसी के लिए आसान रहने वाला है और न ही सरकार चलाना आसान होगा। मौके दोनों के ही पास होंगे लेकिन सही मायने में तो अब आगे जो कुछ भी होने वाला है वह बड़ा राजनीतिक खेला ही होगा क्योंकि नीतीश कुमार ने सरकार के सामने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय करने का पासा फेंक दिया है। बिसात बिजी हुई है खिलाड़ियों की चाले जारी है बाजी का परिणाम क्या होगा इसके लिए अभी अनिश्चितकाल तक इंतजार करिए?

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