`कथा मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि मनोभंजन के लिए होती है’

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देहरादून। मंगरोली में पदान परिवार के कनेरी बन्धुओं द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस की कथा का रसपान कराते हुए ज्योतिष्पीठ आचार्य ममगाईं ने कहा कि कथा मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि मनोभंजन के लिए होती है । सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि कथा मोक्षदायिनी है यह अंतरंग विषय है, जो सुखदेव परमहंस की समाधि को जिसका एक श्लोक तोड़ देता है । हमारे अन्दर लोभ मोह ईर्ष्या को मिटाने वाली श्रीमद्भागवत है। उन्होंने कहा कि गंगाजल विभिन्न प्रकार के रोगों का विनाशक तथा जीवनदायिनी औषधियों का सम्मिश्रण है । गंगा की स्वच्छता के लिए हमें संकल्प लेना है।
आचार्य श्री शुकदेवजी ने कहा, राजन सारी सृष्टि में पहले कहीं कुछ नहीं था, केवल परब्रह्म था, एक बार परब्रह्म के मन में विचार आया कि मैं एक से अनेक हो जाऊं, तो देखो पहले उस परब्रह्म ने जल का निर्माण किया।
संस्कृत में जल का अर्थ होता है नार, नार माने जल , अब नार में उसने अयन बनाया, रहने की जगह बनाई, तो नार माने जल और अयन माने घर, अर्थात पानी में जिसने अपना अयन बनाया वही है नारायण। उसी का नाम पड़ गया नारायण, लेकिन नारायण ने सोचा मैं तो अकेला हूं। एक से बहुत हो जाता तो अच्छा रहता।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष भाजपा के कुंवर कनेरी ने कहा कि क्षेत्र की खुशहाली के लिए यह भागवत यज्ञ किया गया क्योंकि धर्म जोडता है। समाज को जोड़ने के लिए इस तरह के आयोजनों का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा 10 तारिख को विशाल भण्डारे के साथ कथा 10 बजे से 12.30 तक होगी उसके भ्बाद भण्डारे का आयोजन होगा।
आज विशेष रूप से भाजपा उपाध्यक्ष कुंवर सिंह कनेरी ग्रम प्रधान तेजबीर कण्डेरी बलवीर सिंह महावीर सिंह कुंवर सिंह संजय सिंह अरविंद सिंह आनंद सिंह पवन सिंह मनवर सिंह जयदीप सिंह रविंद्र सिंह झींक्वान जगत सिंह खत्री आचार्य भगवती प्रसाद सती जगदम्बा प्रसाद पुरोहित सुभाष सती आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य हिमांशु मैठाणी आचार्य अरुण थपलियाल अनिल चमोली आदि भत्तQ गण भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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