- पुलिस की समझौता एक्सप्रेस चालू
- पांच हजार के सीधे 15 हजार
देहरादून। दून पुलिस की समझौता एक्सप्रेस तेजी से दौड रही है और अब यह पांच हजार की देनदारी पर सीधे 15 हजार में समझौता कराकर चौकी में ही लिखा पढी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि दून पुलिस अपनी कार्य प्रणाली के चलते कई बार सुर्खियों में रहती है। जिससे अधिकारियों को भी परेशानी में डाल देते हैं। अभी हाल ही में एक ओर कारनामा जाखन चौकी पुलिस ने कर दिखाया। यहां पर जोहडी रोड जाखन निवासी सुनीता देवी ने सोनी देवी से 2021 में पांच हजार रूपये उधार लिये थे। सोनी देवी ने सुनीता देवी से अपने रूपये वापस मांगे तो वह उसको देने की बात करते हुए टाल रही थी। गत दिवस सोनी देवी ने जाखन पुलिस की शरण ली और उनसे अपने रूपये दिलाने के लिए कहा तो पुलिस तो जैसे रूपये दिलाने के लिए ही बैठी थी।
चौकी प्रभारी जाखन विजेन्द्र चौधरी ने सुनीता देवी को सांय छह बजे चौकी पर बुलाया और उसको वहां पर बैठाकर डराना धमकाना शुरू कर दिया। जबकि न्यायालय के साफ आदेश है कि दिन छुपने के बाद किसी महिला को थाना चौकी में नहीं बुलाया जायेगा तथा दिन में भी उसको थाने चौकी में बुलाने पर महिला पुलिस कर्मी ही उससे बात करेगी लेकिन यहां जाखन चौकी प्रभारी तो न्यायालय व अधिकारियों के आदेश से ऊपर अपनी मनमानी करते दिखायी दिये। अकेली महिला को चौकी प्रभारी ने लॉकअप में बन्द करने की भी धमकी देते हुए डराया। देर सांय जब महिला कोई मदद के लिए नहीं आया तो उसने मजबूरन चौकी प्रभारी विजेन्द्र चौधरी के दबाव में आकर समझौता कर लिया। पहले चौकी प्रभारी तीन साल का ब्याज लगाकर 22 हजार रूपये की मांग करने लगे लेकिन महिला ने असमर्थना जाहिर की तो मामला 15 हजार रूपये में तय हुआ तथा चौकी में ही लिखित समझौता हुआ। जिसके चलते रूपये तीन किश्तों में देना पर समझौता हुआ जिसकी पहली किश्त पांच हजार की 10 फरवरी, दूसरी किश्त 10 मार्च व तीसरी किश्त 10 अप्रैल को देना तय हुआ। अब देखने वाली बात है कि दून पुलिस तो भारतीय बैंको से भी ज्यादा ब्याज दिला रही है। पांच हजार के सीधे 15 हजार रूपये दिला दिये। अब इसमें पुलिस का कितना हिस्सा है यह अभी खुलकर सामने नहीं आया है। लेकिन यहां दून पुलिस कार्यप्रणाली तारीफ के काबिल है कि उसने सभी नियम कानून एक तरफ रखकर दिन ढकने के बाद महिला को चौकी में बुलाकर उसपर लॉकअप में डालने का दबाव बनाकर 5 हजार के सीधे 15 हजार में समझौता कराकर अपनी वाह वाही लूट ली। अब यह देखने वाली बात है जनपद के पुलिस अधिकारी इस मामले में कितने गम्भीर दिखायी देंगे। ना तो कोई मुकदमा दर्ज हुआ ना ही किसी प्रकार के अधिकारियों के कोई आदेश उसके पश्चात भी चौकी प्रभारी अपने कर्त्तव्य के प्रति संजिदा दिखायी दिये। यही नहीं राजपुर थाना प्रभारी पीडी भट्ट भी इस प्रकरण से अनभिज्ञ थे। उनसे जब फोन पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने यही कहा कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।