नई दिल्ली। कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा के मामले में भारत सरकार को बड़ी राजनयिक जीत मिली है। कतर में फाँसी की सजा पाने वाले नौसेना के सभी 8 पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है। उनमें से 7 लोग भारत वापस आ चुके हैं। कुछ समय पहले ही इनकी फांसी की सजा पर कतर की अदालत ने रोक लगा दी थी। कतर के अमीर के हस्तक्षेप के बाद सभी 8 लोगों को जेल से आजादी मिल गई है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कतर के अमीर के इस फैसले पर खुशी जताई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार की राजनयिक कोशिशों के चलते कतर ने ये फैसला लिया है। कतर का ये फैसला भारत-कतर के बीच ऐतिहासिक गैस समझौते के कुछ ही दिन बाद आया है। बता दें कि इन सभी लोगों को कथित तौर पर जासूसी के आरोपों में फाँसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन अदालत से लेकर राजनयिक स्तर पर भारत सरकार ने इनकी रिहाई के लिए जोरदार पैरवी की और अब जाकर इन सभी पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है।
कतर में जिन पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था, उनके नाम हैं-कमांडर पूर्णेन्द्रु तिवारी, कमांडर नवतेज सिंह गिल, कमांडर वीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और कैप्टन गोपाकुमार हैं। ये सभी पिछले 5 साल से दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी में काम कर रहे थे। कथित तौर पर इनपर जासूसी के आरोप लगाए गए थे और फाँसी की सजा सुना दी गई थी। लेकिन दिसंबर 2023 की शुरुआत में भारत सरकार ने राजनयिक कोशिशों के चलते कांसुलर एक्सेस हासिल कर लिया था, इसके बाद उनकी फाँसी की सजा पर रोक लगवाई थी।