एक जुटता का मंत्र दे गए राहुल

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पूर्व कल देहरादून के परेड ग्राउंड में हुई राहुल गांधी की जनसभा से कांग्रेस में एक नई ऊर्जा और जोश का संचार हुआ। भाजपा के तमाम स्टार प्रचारकों जिसमें प्रधानमंत्री मोदी से लेकर जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह तक के नाम शामिल हैं, अब तक उनके कई दौरे हो चुके हैं। जिसके कारण कांग्रेस इस स्टार वार में पिछड़ती दिख रही थी लेकिन कल प्रदेश कांग्रेस द्वारा विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ पर जो मेघा इवेंट किया गया और राहुल गांधी ने जिस अंदाज में भाषण दिया वह न सिर्फ जन भावनाओं के इर्द गिर्द दिखा बल्कि उन्हें सुनने वालों के हुजूम के दृष्टिकोण से भी यह एक सफल समारोह था जिसने कांग्रेस को इस चुनाव में बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस विजय सम्मान रैली से जो आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ा है वह उन्हें आगे ले जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी जो उत्तराखंड के साथ अपने अध्यात्म का रिश्ता जोड़ कर आगे बढ़ते रहे हैं अबकी बार राहुल गांधी ने भी उन्हीं के अंदाज में उत्तराखंड के साथ अपना कुर्बानी का रिश्ता जोड़ कर सैन्य परिवारों की उन संवेदनाओं को झकझोरा है जो इस राज्य का सच है। उनका यह कहना कि उत्तराखंड ने देश के लिए सबसे अधिक खून दिया है जैसे उनके परिवार ने दिया है राहुल की अलग भाषा श्ौली का परिचय देती है। उनके द्वारा सीएम धामी प्रदेश भाजपा या स्थानीय मुद्दों पर कुछ न कहना और सिर्फ महंगाई, बेरोजगारी तथा पलायन जैसी मुद्दों पर ही बात करना यह बताता है कि राहुल गांधी अब बहुत कुछ सीख चुके हैं। विपक्ष भाजपा के लोग जो उनकी इस रैली पर नजर गड़ाए बैठे थे वह निश्चित तौर पर निराश हुए होंगे कि राहुल ने ऐसा कुछ भी क्यों नहीं बोला जिसे लेकर वह मुद्दा बना सके। हरीश रावत से लेकर तमाम अन्य कांग्रेसी नेता भी राहुल गांधी के भाषण समाप्त होने पर उनके अंदाज ए बयां और मुद्दों के चयन की तारीफ करते दिखे। उन्होंने बेबाक अंदाज में अपनी सभी बातें कहीं। उनका कहना है कि देश तोप और हवाई जहाज से मजबूत नहीं होता है नागरिकों के मजबूत होने से मजबूत होता है लेकिन भाजपा और मोदी का फोकस उन छोटे कारोबारियों, उघमियों व व्यवसायियों पर नहीं है जो रोजगार देते हैं उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी के निर्णय को गलत बताते हुए कहा कि इन फैसलों ने आम आदमी को कमजोर बना दिया है। कृषि कानूनों को किसानों को खत्म करने वाले कानून बताकर उन्होंने मोदी को कटघरे में खड़ा किया वही पेट्रोल डीजल पर टैक्स के जरिए कैसे आम आदमी की जेब काटी जा रही है तथा अपनी ब्रांडिंग करने वालों की तिजोरियंा भरी जा रही है, के मुद्दे पर जमकर घेरा गया। राहुल की इस रैली ने भाजपा को थोड़ा सर्तक जरूर किया होगा क्योंकि अभी 4 दिसंबर को इसी ग्राउंड पर हुई मोदी की रैली के बाद राहुल की यह रैली सफलता के पैमाने पर इक्कीस साबित हुई है और इसका श्रेय प्रदेश कांग्रेस द्वारा दिखाई गई एकजुटता को जाता है। जिसे राहुल गांधी ने भी जीत का मंत्र बताया है।

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