बंद बोतल से फिर बाहर निकला ढैंचा बीज घोटाले का जिन्न: मैंने बचा लिया वरना जेल जाते त्रिवेंद्रः हरक

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देहरादून। भाजपा के अंदर मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। त्रिवेंद्र सिंह रावत और डॉ. हरक सिंह के बीच यूं तो सियासी अदावत बहुत पुरानी है लेकिन ढैंचा बीज घोटाले को लेकर डॉ हरक सिंह द्वारा की गई तीखी टीका टिप्पणी से तिलमिलाए पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें चुनौती दी है कि वह इसके पोस्टर छाप कर सचिवालय की दीवारों पर लगवा दें जनता जवाब देगी।
डॉ हरक सिंह ने अभी अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तो ढैंचा बीज घोटाले में त्रिवेंद्र सिंह को जेल भिजवाना चाहते थे। उन्होंने अगर नहीं बचाया होता तो वह जेल तो जाते ही साथ ही मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाते।
डॉ हरक सिंह का कहना है कि उन्होंने उन्हें ढैंचा बीज घोटाले में जेल जाने से बचाया था। मुख्यमंत्री हरीश रावत तो उन्हें जेल भिजवाने की तैयारी कर चुके थे वह अगर जेल चले जाते तो क्या मुख्यमंत्री बन गए होते। उनका कहना है कि वही थे जो उनकी ढैंचा बीच घोटाले की फाइल को निकाल कर लाए थे उन्होंने इस फाइल को अजय भटृ और मदन कौशिक को भी दिखाया था। जिन्होंने कहा था कि बड़ी हिम्मत का काम किया है। डॉ हरक सिंह ने कहा कि उस वक्त हरीश रावत ने कहा था कि तू सांप को दूध पिला रहा है अगर मैंने उनकी बात मान ली होती तो मैं मंत्री नहीं मुख्यमंत्री बन सकता था। लेकिन यह मेरे भाग्य में नहीं था।
उधर डॉ हरक सिंह के इस खुलासे पर त्रिवेंद्र रावत तिलमिलाए हुए हैं उन्होंने डॉ हरक सिंह को चुनौती देते हुए कहा है कि वह इस ढैंचा बीज घोटाले की फाइल के पोस्टर छपवा कर सचिवालय की दीवारों पर लगवा दें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। जनता खुद फैसला कर लेगी।
उमेश शर्मा काऊ के विरोध से शुरू हुआ भाजपा नेताओं के बीच यह विवाद और तनातनी कब तक जारी रहेगी और इसका परिणाम क्या होगा? अलग बात है लेकिन इन आरोप प्रत्यारोप व बयान बाजी से भाजपा के शीर्ष नेता हैरान परेशान हैं।

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