जल निगम—जल संस्थान के हजारो कर्मचारियों ने किया विधानसभा कूच

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देहरादून। जल निगम—जल संस्थान के राजकीयकरण किये जाने की मांग को लेकर हजारों कर्मचारियों ने विधानसभा कूच किया। जहां पर पुलिस ने उनको बैरकेडिंग लगाकर रोक दिया। जिसके बाद उन्होंने एसडीएम योगेश मेहरा के माध्यम से सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया।
आज यहां जल निगम व जल संस्थान के हजारों कर्मचारी जल भवन के समक्ष एकत्रित हुए। जहां से उन्होंने विधानसभा के लिए कूच किया। विधानसभा के समक्ष पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उनको बैरकेडिंग लगाकर रोक दिया। जिसके बाद वह वहीं पर धरने पर बैठ गये। धरने के दौरान वक्ताओं ने कहा कि कुछ पूर्व अधिकारी जिनके द्वारा अभी तक केन्द्रीय सामानों की खरीद में ठेकेदारी की जा रही ह,ै के द्वारा इस भय से कि एकीकरण व राजकीयकरण होने से उनके काले कारनामें उजागर हो जायेगे अपने कुछ जैबी संगठनों जिनको न तो मान्यता प्राप्त है और न ही उनके संगठन में सदस्यों की संख्या मानकों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि उत्तरखण्ड पेयजल निगम व उत्तरखण्ड जल संस्थान के कार्मिकों की प्रमुख मांग राजकीयकरण की है और जल निगम—जल संस्थान का एकीकरण करते हुए तुरन्त राजकीय विभाग घोषित किया जाये। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राजकीयकरण से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा साथ ही राज्य हित के इस विषय पर अपने व्यक्तिगत स्वार्थो के कारण अडंगा लगाने का प्रयास कर रहे अधिकारियों का कच्चा चिटठा भी मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो 28 फरवरी से पेयजल कार्मिक अनिश्चितकालीन हडताल पर भी जा सकते हैं। जिसके बाद उन्होने एसडीएम योगेश मेहरा के माध्यम से सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया। इस अवसर पर रमेश बिंजोला, विजय खाली, श्याम सिंह नेगी, रामचन्द्र सेमवाल, संदीप मल्होत्रा, आनंद सिंह राजपूत, लक्ष्मी नारायण भटट, राम कुमार, भजन सिंह चौहान, लाल सिंह रौतेला, शिशुपाल सिंह रावत, आशीष तिवारी व सुमीत पुन्न आदि लोग शामिल थे।

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