भाजपा की नजर अब 2024 पर

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23 विधानसभा सीटों पर हार की समीक्षा शुरू
भाजपा संगठन में परिवर्तन की संभावना

देहरादून। सूबे की नई सरकार के शपथ ग्रहण के 5 दिन बाद भी भले ही अभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी न हुआ हो लेकिन भाजपा ने 2024 के आम चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा का समीक्षक दल दून पहुंच चुका है जो विधानसभा में हार वाली सभी 23 सीटों पर हार के कारणों को तलाशने का प्रयास करेगा और हाईकमान को अपनी रिपोर्ट देगा।
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव में जो होना था हो चुका है लेकिन भाजपा अब अपनी उन खामियों को दुरुस्त करना चाहती है जहां इस चुनाव में कमजोर रहने के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद ही भीतरघात की खबरें आने लगी थी। जिन—जिन क्षेत्रों से ऐसी खबरें आई थी चुनाव परिणाम भी लगभग वैसे ही देखे गए जिसे लेकर भाजपा के प्रदेश संगठन को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया गया था इस समीक्षा के बाद जैसे कि संभावना है यह स्पष्ट हो सकेगा कि क्या प्रदेश संगठन की कार्यश्ौली भी इस हार की एक कारण बनी है? अगर यह बात इस समीक्षा रिपोर्ट में साफ हो जाती है तो प्रदेश के सांगठनिक ढांचे में बड़ा फेरबदल लाजमी माना जा रहा है।
भाजपा को विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान हरिद्वार और उधमसिंह नगर में हुआ है। इन दोनों जिलों में भाजपा का प्रदर्शन खासा खराब रहा है और 23 में से 14 सीटें इन्ही दो जिलों की है जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। सबसे बड़ा नुकसान हरिद्वार को हुआ है जहां वह सिर्फ दो सीटों पर जीत सकी। हरिद्वार प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का गृह जनपद है। हरिद्वार की हार के कारण ही इस बार जीत के बावजूद भी मदन कौशिक को मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाना इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं चुनाव परिणाम से पूर्व ही उनको बदले जाने की खबरें चर्चाओं में रही है।
समीक्षक दल द्वारा हारे प्रत्याशियों से लेकर जिले के तमाम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से वार्ता करने और उनसे हार के कारणों पर चर्चा करने की बात कही जा रही है। इस समीक्षा का मतलब अब विधानसभा चुनाव से नहीं है बल्कि भाजपा की नजर अब 2024 के आम चुनाव की तैयारी पर है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि 23 में से कई सीटें ऐसी है जहां भाजपा या तो गलत प्रत्याशी चयन के कारण हारी है या फिर भीतर घात के कारण उसे पराजय का सामना करना पड़ा है। वर्तमान समय में भाजपा के पास सभी 5 की 5 लोकसभा सीटें हैं और इस प्रदर्शन को वह 2024 में भी दोहराना चाहती है चाहे उसे इसके लिए प्रदेश संगठन में भी कितने भी बड़े व कडे़ बदलाव करने पड़े।

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