April 25, 2024केदारपुरी में चल रहे निर्माण कार्यों का विरोध मुख्यमंत्री धामी को ज्ञापन भेज कर दी चेतावनी देहरादून। एक तरफ सूबे का शासन—प्रशासन 10 मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटा हुआ है वहीं दूसरी ओर केदारपुरी में मास्टर प्लान के तहत चल रहे निर्माण कार्याे के विरोध में आक्रोशित तीर्थपुरोहित तथा पंडा पुजारियों ने केदारसभा के नेतृत्व में चारधाम यात्रा का पूर्ण बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया गया है।केदारसभा के पदाधिकारियों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को भेजे गए ज्ञापन में पुनर्निर्माण कार्यों पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए चेतावनी दी गयी है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वह चारधाम यात्रा का बहिष्कार करेंगे चारधाम यात्रा से ऐन पूर्व इस तरह के विरोध के कारण अब शासन—प्रशासन के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। केदार सभा के पदाधिकारियों द्वारा केदारपुरी में चल रहे तीसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्यों का विरोध पुरोहित व पंडा—पुजारी तथा व्यवसाईयों के पुराने भवनों को तोड़े जाने को लेकर किया जा रहा है। उनका आरोप है कि केदारपुरी में तोड़फोड़ की जो कार्रवाई की जा रही है उसकी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई, न ही संपत्ति स्वामी को विश्वास में लिया गया है। यात्रा शुरू होने से ठीक पहले किये जा रहे इन कार्यों के कारण उनका व्यवसाय व रोजी—रोटी पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। उनका कहना है कि इन कामों को यात्रा से आगे—पीछे भी कराया जा सकता था। केदारसभा ने इन कार्यों को तुरंत न रोके जाने पर गौरीकुंड से लेकर केदारपुरी तक पूर्णतया बहिष्कार करने व बाजार बंद रखने की चेतावनी दी गई है।उल्लेखनीय है कि तीसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्यों के दौरान यहां तमाम भवन व उनके सामने बने टीन सेट्स को तोड़ा जा रहा है तथा जीएमवीएन की टेंट कॉलोनी को भी ढाई किलोमीटर दूर शिफ्ट कर दिया गया है। पेयजल लाइन बिछाने के लिए केदारपुरी को पूरी तरह से खोद कर रख दिया गया है इस काम को 10 मई तक पूरा नहीं किया जा सकता है जिसके कारण यात्रियों को तो परेशानी होगी ही साथ—साथ केदारनाथ यात्रा की छवि भी प्रभावित होगी यही नहीं व्यवसायियों के काम पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा। शासन—प्रशासन जो रात दिन चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटा है इस बहिष्कार को कैसे टाल पाता है और अगर नहीं टाल सका तो इस यात्रा पर कितना प्रभाव पड़ेगा समय ही बताएगा।
April 25, 2024लाखों का माल जलकर स्वाह, व्यापार मंंडल ने दी 48 घंटे की चेतावनी देहरादून। शरारती तत्वों ने पलटन बाजार में ओमजी गारमेंटस की दुकान में पेट्रोल डालकर आग लगा दी। सूचना मिलते ही पुलिस फायर बिग्रेड व व्यापारी मौके पर पहुंच गये। फायर बिग्रेड ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन तब तक लाखों का सामान जलकर स्वाह हो गया था। व्यापार मंडल ने पुलिस को 48 घंटे के अन्दर आग लगाने वालों की गिरफ्तारी की चेतावनी देते हुए कहा कि नहीं तो बाजार बंद होगा।प्राप्त जानकारी के अनुसार देर रात्रि करीब एक बजे कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि मिशन स्कूल के सामने स्थित ओमजी गारमेंटस की दुकान में आग लग गयी है। सूचना मिलते ही पुलिस व फायर बिग्रेड की टीम मौके पर पहुंची। इसी दौरान सूचना मिलते ही व्यापार मंडल के अध्यक्ष संतोख नागपाल भी व्यापारियों के साथ मौके पर पहुंच गये। फायर बिग्रेड ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान फायर बिग्रेड की 12 गाडियां पानी की आयी तब जाकर आग पर काबू पाया गया। लेकिन तब तक लाखों रूपये का सामान जलकर स्वाह हो गया था। इसी दौरान किसी ने बताया कि दो युवक 12 व एक बजे के करीब ओमजी गारमेंटस के बाहर खडे हुए थे तथा उन्होंने अपनी गाडी से पेट्रोल निकालकर शटर से दुकान के अन्दर पेट्रोल फेंका और उसके बाद आग लगा दी। यह सूचना मिलते ही व्यापारियों में आव्रQोश भर गया। पलटन बाजार व्यापार मंडल अध्यक्ष संतोख नागपाल ने पुलिस को चेतावनी दी है कि 48 घंटे के अन्दर इन शरारती तत्वों को गिरफ्तार किया जाये। अगर 48 घंटे के अन्दर शरारती तत्व नहीं पकडे गये तो पूरा व्यापारी वर्ग अपने प्रतिष्ठान बंद करके आंदोलन को बाध्य होंगे। इस दौरान दुकान के सामने लगे सीसीटीवी कैमरों में युवकों की हरकत कैद हो गयी। जिसका पूरा वीडियों व्यापारियों ने पुलिस को दे दिया। सम्पर्क करने पर संतोख नागपाल ने बताया कि ओमजी गारमेंट के मालिक नवनीत राजवंशी के साथ पूरा व्यापार मंडल खडा है। उनका बहुत नुकसान हुआ है। ऐसी घटना की पुनावृत्ति न हो इसके लिए ऐसे तत्वों के खिलाफ कडी कार्यवाही किये जाने की पुलिस से मांग की गयी है।
April 25, 2024पौड़ी। सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में धांधली कराने वाले मध्य प्रदेश के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने फरार चल रहे एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी एसएसबी की भर्ती परीक्षा में फर्जी मुन्नाभाई बनकर सम्मिलित हुआ था जो फरार चल रहा था। मामले में एक पूर्व फौजी को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।जानकारी के अनुसार बीती 22 अप्रैल को आशीष कुमार, कमांडेन्ट केन्द्रीयकृत प्रशिक्षण केन्द्र एसएसबी श्रीनगर गढ़वाल ने कोतवाली श्रीनगर पर रिपोर्ट दर्ज करायी कि रामबृज पुत्र रामसेवक, निवासी ग्राम बीच का पुरा, तहसील व थाना अम्बाह, जिला मुरैना म.प्र. ने एसएसबी द्वारा आयोजित परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों व फर्जी फोटो, थम इम्प्रेशन आदि का प्रयोग करते हुये फर्जी अभ्यर्थी बनकर धोखाधडी की है। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गयी। आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस टीम द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद 22 अप्रैल को ही आरोपी रामबृज पुत्र रामसेवक, को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। वहीं पुलिस द्वारा की जा रही जांच में सामने आया कि आरोपी रामबृज व उसका छोटा भाई विकास व उसके अन्य साथी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में उचित रकम लेकर फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरे अभ्यार्थियों की जगह परीक्षा में सम्मिलित होकर धोखाधड़ी करते है। पुलिस टीम द्वारा उक्त मुकदमें में आरोपी विकास जो लगातार फरार चल रहा था, को श्रीनगर से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।वहीं पूर्व में गिरफ्तार रामबृज पुत्र रामसेवक ने पूछताछ में बताया था कि वह 2020 में भारतीय सेना की 27 राजपूत रेजमेन्ट मे भर्ती हो गया था और उसे मोबाइल पर सटृा व जुआ खेलने की आदत हो गयी थी जिस कारण उसके ऊपर काफी लोगों का कर्जा हो गया था जिस कारण वह वर्ष—2022 में आर्मी की नौकरी छोड़कर घर आ गया था। बताया कि उसका छोटा भाई विकास अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी नौकरी हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें शारीरिक व लिखित परीक्षा में पास कराने का ठेका लेते थे एवं आरोपी रामबृज अभ्यर्थियों के बदले फिजिकल परीक्षा देता था और उसका छोटा भाई विकास व उसके दोस्त प्रतियोगी परीक्षा की लिखित परीक्षाओं में अभ्यर्थी के बदले परीक्षा देते थे एवं उनके अन्य फर्जी आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास एवं एडमिट कार्ड पर एडिटिंग कर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करते थे। बताया कि उनके द्वारा अभी तक कई अभ्यर्थियों से लाखों रूपये लेकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराया गया है। दिनाँक 22.04.2024 को स्किल टैस्ट व मेडिकल के दौरान एसएसबी के द्वारा हमें फर्जीवाड़ा करते हुये पकड़ लिया गया है।
April 25, 2024डीएम ने जारी किए आदेश हरिद्वार। पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह की मौत मामले में अब डीएम हरिद्वार द्वारा मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश जारी कर दिये गये है।नानकमत्ता गुरुद्वारे के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में शूटर और मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिटृू की पिछले दिनों भगवानपुर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई थी। अब इस मामले की मजिस्ट्रीयल जांच की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा आदेश जारी करते हुए एसडीएम भगवानपुर जितेंद्र कुमार को जांच अधिकारी नामित किया है। जबकि प्रारंभिक जांच के लिए पहले ही रुड़की सीओ को जांच अधिकारी बनाया गया था।बता दें कि बीते 28 मार्च की सुबह बाइक सवार शूटरों ने नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने षड्यंत्र में शामिल नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि शूटर और मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिटृू निवासी ग्राम सिहौरा, थाना बिलासपुर जिला रामपुर यूपी को बाइक पर जाते हुए भगवानपुर क्षेत्र के इमली रोड छंगामजरी रोड पर पुलिस व एसटीएएफ की टीम ने पीछा कर रोकने की कोशिश की थी। तब उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। दूसरा बदमाश सर्वजीत सिंह अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया था। जवाबी फायरिंग में उसे कई गोलियां लगी थी, अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मामले में सीओ एसटीएफ ऋषि बल्लब चमोला ने थाना भगवानपुर में मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी प्रारंभिक जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत को सौंपी गई। एसएसपी की ओर से प्रकरण की मजिस्ट्रीयल जांच कराने की अपेक्षा की गई। जिस पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने एसडीएम जितेंद्र कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है। एसडीएम ने बताया कि जांच में किसी व्यक्ति को कोई अभिलेख या मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करना है तो विकास खंड कार्यालय भगवानपुर में आकर प्रस्तुत कर सकता है।
April 25, 2024यह राहुल गांधी कि बीते एक साल में की गई दो उन पदयात्राओं का कमाल है या फिर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए लाये गए उस घोषणा पत्र का जिसे न्याय पत्र का नाम दिया गया है समझ पाना मुश्किल है। लेकिन एक बात जरूर समझ में आ रही है कि इस न्याय पत्र में ऐसा कुछ न कुछ विशेष जरूर है जिसने कांग्रेस को चुनावी मुख्य धारा से जोड़ दिया है। यही कारण है कि आज इस देश में सबसे अधिक चर्चाओं और विमर्श के केंद्र में अगर कुछ है तो वह कांग्रेस का न्याय पत्र (घोषणा पत्र) ही है। हो सकता था कि अब तक के चुनावों की तरह इस न्याय पत्र को भी चुनावी वायदों का पुलिंदा मानकर रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया होता लेकिन इस न्याय पत्र की खास बात यह है कि अब न सिर्फ आम जनता इस पर भरोसा दिखाने लगी है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के तमाम स्टार प्रचारकों के भाषणों और जनसभाओं में कांग्रेस का यह न्याय पत्र सबसे अहम मुद्दा बनकर छा गया है। भाजपा के नेताओं द्वारा इसे भले ही मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र बताकर फिर महिलाओं को उनके गहनों व मंगलसूत्र बेचकर मुसलमानों को दिए जाने का भय दिखाया जा रहा हो या जातीय जनगणना के नाम पर सामाजिक विभाजन करने की कोशिश बताया जा रहा हो लेकिन भाजपा के नेताओं द्वारा इस न्याय पत्र का इतना प्रचार कर दिया गया कि यह चुनावी घोषणा पत्र अब राहुल गांधी के जीवन का मिशन और कांग्रेस के लिए उसका सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है। हालात यह पैदा हो चुके हैं कि इन्हें पूरा करने के लिए धन कहां से आएगा? या यह कह कर इसे खारिज करने वाले नेता कि कांग्रेस को पता है कि उसे सत्ता में आना नहीं है इसलिए कुछ भी वायदे कर दो अब सभी इस चुनावी घोषणा पत्र से इतनी डर गए हैं कि चुनाव आयोग से इस पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं और सड़कों पर इसे लेकर प्रदर्शन तक शुरू कर दिए गए हैं। खास बात यह है कि राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य तमाम नेता भाजपा नेताओं द्वारा इस न्याय पत्र पर उठाए जाने वाली आपत्ति पर पलटवार से उन्हें किसी भी मुद्दे पर ठहरने नहीं दे रहे हैं। भाजपा के नेता इस न्याय पत्र के जाल में इस कदर उलझ चुके हैं कि अब वह चुनावी भाषणों में अपना 10 साल की उपलब्धियों से लेकर अपने घोषणा पत्र के बारे में कुछ भी बताते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं और हर रोज उन्हें चुनावी भाषणों के नए—नए मुद्दों पर बात करना पड़ रहा है। सवाल यह है कि इस घोषणा पत्र में आखिर ऐसा क्या कुछ है जो इसके इर्द—गिर्द समूचा चुनाव चक्कर काटने लगा है। पांच न्याय और 25 गारंटी वाला यह न्याय पत्र इस चुनाव के दौर तक आते—आते आखिर इतना प्रभावी कैसे बन गया यह बात कहने की नहीं समझने की है। राहुल गांधी कहते हैं कि यह उन्होंने आम जनता के बीच जाकर जो देखा और समझा वही सब इस चुनावी घोषणा पत्र में है। इसमें सामाजिक समानता की रूपरेखा है और इसे पूरा करने की गारंटी, यह चुनावी घोषणाएं नहीं है यह उनके जीवन का मिशन बन चुका है। वह अब जाति धर्म की कोई बात नहीं कर रहे हैं कैसा पूरा करेंगे वायदे इस सवाल का जवाब भी दे रहे हैं। वही वह इस चुनावी हार जीत से ऊपर उठकर राष्ट्र और समाज के भावी भविष्य व जनकल्याण के नजरिए से देखते हैं। यह न्याय पत्र चुनावी सफलता में कितना कारगर साबित होगा समय ही बताएगा लेकिन इस न्याय पत्र ने तहलका जरूर मचा दिया है।
April 25, 2024जैसलमेर। भारतीय वायु सेना का एक विमान राजस्थान के जैसलमेर के पास उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गनीमत ये रही कि इस हादसे में जान या माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक एयरक्राफ्ट अपनी नियमित उड़ान पर था। इसी दौरान तकनीकी खराबी की वजह से यह दुर्घटना का शिकार हो गया। हालांकि हादसे की पुख्ता वजह अभी साफ नहीं है और इसका कारण पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है। भारतीय वायुसेना का विमान जैसलमेर के पिछला क्षेत्र में दुर्घटना का शिकार हुआ है। बताया जा रहा है कि यह एयरक्राफ्ट बॉर्डर इलाकों की निगरानी कर रहा था। इसे रिमोट से चलाया जा रहा था। तभी यह क्रैश होकर जमीन पर गिर गया। क्रैश होते ही एयरक्राफ्ट में भीषण आग लग गई और वह पूरी तरह से जल गया। इस हादसे की खबर मिलते ही वायुसेना के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। मामेल की जांच की जा रही है। जैसलमेर में पहले भी विमान क्रैश हो चुके हैं। सेना का एक एयरक्राफ्ट मार्च महीने में भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकि पायलट खुद की जान बचाने में कामयाब रहा था। इससे पहले भी ऐसे हादसे सामने आते रहे हैं।